पीएम मोदी के विजन से आएंगे काष्ठकारों के अच्छे दिन : रामचन्द्र जागड़ा

बेगूसराय। पीएम नरेंद्र मोदी के कौशल विकास आत्मनिर्भर भारत व मेक इन इंडिया के विजन से जल्द ही काष्ठकार शिल्पियों के अच्छे दिन आएंगे। जरूरत है समय व बाजार के हिसाब से बदलाव व आधुनिक तकनीक के उपयोग निर्माण व उत्पादों के मार्केटिग की। उक्त बातें हरियाणा से राज्य सभा सांसद रामचन्द्र जागड़ा ने शनिवार को दिनकर भवन में आयोजित विश्वकर्मा काष्ठ शिल्पी विकास समिति के दो दिवसीय राज्याधिवेशन को उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए बतौर उद्धाटनकर्ता ने कहीं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 21 Mar 2021 12:30 AM (IST) Updated:Sun, 21 Mar 2021 12:30 AM (IST)
पीएम मोदी के विजन से आएंगे काष्ठकारों के अच्छे दिन : रामचन्द्र जागड़ा
पीएम मोदी के विजन से आएंगे काष्ठकारों के अच्छे दिन : रामचन्द्र जागड़ा

बेगूसराय। पीएम नरेंद्र मोदी के कौशल विकास, आत्मनिर्भर भारत व मेक इन इंडिया के विजन से जल्द ही काष्ठकार शिल्पियों के अच्छे दिन आएंगे। जरूरत है समय व बाजार के हिसाब से बदलाव व आधुनिक तकनीक के उपयोग, निर्माण व उत्पादों के मार्केटिग की। उक्त बातें हरियाणा से राज्य सभा सांसद रामचन्द्र जागड़ा ने शनिवार को दिनकर भवन में आयोजित विश्वकर्मा काष्ठ शिल्पी विकास समिति के दो दिवसीय राज्याधिवेशन को उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए बतौर उद्धाटनकर्ता ने कहीं।

दो दिवसीय राज्य अधिवेशन को उद्घाटन पर मुख्य अतिथि सह पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह, नगर विधायक कुंदन कुमार, एटक के राज्य सचिव नारायण पूर्वे , पूर्व राज्य मंत्री डॉ. सत्यानंद शर्मा, समिति के राज्याध्यक्ष रामचन्द्र शर्मा, प्रदेश महासचिव रामभरोस शर्मा, संरक्षक शिवपूजन ठाकुर, मीडिया प्रभारी प्रेम प्रकाश शर्मा, स्वागताध्यक्ष चन्द्र प्रकाश शर्मा, जिला सचिव वशिष्ठ शर्मा, संयोजक विजेन्द्र शर्मा समेत विभिन्न जिलों के पहुंचे सैकड़ों प्रतिनिधि उपस्थित रहे। उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए उद्घाटनकर्ता रामचन्द्र जागड़ा ने शिल्पियों से नाम के आगे विश्वकर्मा लगाने का संकल्प दिलाते हुए कहा कि शिल्पियों द्वारा शर्मा उपनाम लगाने से राजनीतिक लाभ ब्राहण उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिल्पकार अपनी ताकत को एकजुट कर देश को आर्थिक महाशक्ति के रूप में स्थापित करेंगे। इसके लिए उन्होंने आगामी 17 सितंबर को दिल्ली आने व राष्ट्रीय संगठन मजबूत करने की जरूरत बताई। विधायक कुंदन कुमार ने शिल्पियों के अधिकार व अधिकार के लिए संघर्ष के लिए शिक्षा की जरूरत पर बल देते हुए केन्द्र सरकार की शिक्षा नीति में बदलाव समेत अन्य उपलब्धियों की चर्चा कर हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। शनिवार को उद्घाटन सत्र के दौरान ही प्रदेश महासचिव रामभरोस शर्मा ने वार्षिक प्रतिवेदन व कार्ययोजना प्रस्तुत की। मौके पर समिति के स्मारिका का विमोचन किया गया। वहीं विभिन्न सत्रों के माध्यम से संगठनात्मक गतिविधियां आयोजित किया गया। मौके पर राजनीतिक सहभागिता, शिल्पियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने, सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड से भष्टाचार खत्म कर काष्ठकारों को सुविधा देने समेत अन्य मांग की गई।

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