मौसम आधारित खेती के लिया पांच गांवों को गोद

बेगूसराय। बिहार सरकार द्वारा मौसम आधारित कृषि योजना का शुभारंभ किया गया है। इस योजना के तहत जिले में भी रबी मौसम से मौसम अनुकूल कृषि की शुरुआत की गई है। डीएम अरविद कुमार वर्मा ने विगत 14 दिसंबर को समारोह पूर्वक कृषि विज्ञान केंद्र में कार्यक्रम का उद्घाटन किये थे।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Dec 2020 06:24 PM (IST) Updated:Tue, 22 Dec 2020 06:24 PM (IST)
मौसम आधारित खेती के लिया पांच गांवों को गोद
मौसम आधारित खेती के लिया पांच गांवों को गोद

बेगूसराय। बिहार सरकार द्वारा मौसम आधारित कृषि योजना का शुभारंभ किया गया है। इस योजना के तहत जिले में भी रबी मौसम से मौसम अनुकूल कृषि की शुरुआत की गई है। डीएम अरविद कुमार वर्मा ने विगत 14 दिसंबर को समारोह पूर्वक कृषि विज्ञान केंद्र में कार्यक्रम का उद्घाटन किये थे।

डीएम के निर्देश पर कृषि विज्ञान केंद्र ने इस योजना के तहत पांच गांवों का चयन कर गोद लिया है, जहां मौसम अनुकूल खेती के लिए फसल कैलेंडर तैयार करने का निर्णय लिया है। उक्त जानकारी कृषि विज्ञान केंद्र खोदावंदपुर, के वरीय वैज्ञानिक डॉ. राम पाल ने दी। उन्होंने बताया कि चेरिया बरियारपुर प्रखंड के पांच गांव श्रीपुर, विक्रमपुर, सकरौली, रामपुर एवं गोपालपुर गांव के 630 किसानों को इस योजना से जोड़ा गया है। योजना की खास बात यह है कि खेती की लागत कम कर पर्यावरण को बचाते हुए किसानों को अत्यधिक लाभ दिलाया जाए। वर्तमान रबी मौसम में इस योजना के तहत जिले के 630 एकड़ भूभाग में मक्का, गेंहू, आलू, सरसों एवं मसूर की खेती शुरू की गई है। यहां के किसानों को बदलते मौसम के अनुकूल नई तकनीकी से खेती करने की जानकारी देना है। योजना के तहत केविके खोदावंदपुर के वैज्ञानिकों की देखरेख में 630 किसान खेती करेंगे तथा इसपर होने वाला खर्च सरकार वहन करेगी। जबकि इसका लाभ किसानों का होगा। किसानों को प्रति एकड़ तीन हजार से 35 सौ रुपये तक राशि बतौर खर्च भुगतान करेगी। वॉरलंग इंस्टटीयूट फॉर साउथ एशिया, पूसा, अंतरराष्ट्रीय चावल संस्थान वाराणसी, अंतरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान संस्थान पेरू इसकी मॉनिटरिग करेंगे। चयनित क्षेत्र में खेतों में सालों भर फसल रहेगी। दो फसल के बीच 15 से 20 दिन का अंतराल रहेगा। पांच वर्षों तक खेतों की जुताई नहीं होगी। इस योजना से किसानों में बेहद खुशी देखी जा रही है।

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