कृत्रिम किल्लत दिखाकर 12 सौ का खाद 18 सौ में बेच रहे हैं खाद कारोबारी

बेगूसराय रबी की खेती में धान सबसे अधिक जरूरी है परंतु इन दिनों धान की फर्जी किल्लत दिखाक

By JagranEdited By: Publish:Tue, 16 Nov 2021 09:48 PM (IST) Updated:Tue, 16 Nov 2021 09:48 PM (IST)
कृत्रिम किल्लत दिखाकर 12 सौ का खाद 18 सौ में बेच रहे हैं खाद कारोबारी
कृत्रिम किल्लत दिखाकर 12 सौ का खाद 18 सौ में बेच रहे हैं खाद कारोबारी

बेगूसराय : रबी की खेती में धान सबसे अधिक जरूरी है, परंतु इन दिनों धान की फर्जी किल्लत दिखाकर खाद कारोबारियों द्वारा किसानों से अवैध वसूली की शिकायतें लगातार मिल रही है। मरता क्या न करता वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए किसान 12 सौ की खाद 18 सौ रुपये में खरीदने को विवश हो रहे हैं, परंतु इस पर ध्यान देने के नाम पर जिला कृषि विभाग अब तक सिर्फ खानापूर्ति करता ही नजर आ रहा है।

खोदावंदपुर से गायब हो गया है डीएपी, पोटाश और एनपीके खाद संवाद सूत्र, खोदावंदपुर (बेगूसराय) : जब रबी की खेती का सीजन आता है तब बाजार से डीएपी एवं पोटाश और एनपीके खाद गायब हो जाता है। खाद के बारे में दुकानदार कहते हैं कि हमारे पास यह खाद नहीं है। फिर वही खाद दुकानदार ऊंचे दामों पर ब्लैक से किसानों को खाद बेचते हैं। मजबूर किसान उक्त खाद को निर्धारित 12 सौ की जगह 18 सौ रुपये में खरीद रहे हैं। इस वर्ष भी खोदावंदपुर में खाद की किल्लत है। डीएपी और पोटाश की जमकर कालाबाजारी की जा रही है। किसान परेशान हैं। जिम्मेदार अधिकारी चैन की नींद सो रहे हैं। प्रखंड में पैक्सों के अलावा दर्जनभर से ज्यादा प्राइवेट खाद बीज के दुकान हैं। उनके द्वारा खाद की कृत्रिम कमी दिखाकर कालाबाजारी की जा रही है। 12 सौ रुपये का डीएपी 18 सौ रुपये में बिक रहा है। मजबूरन लोग एनपीके मिस्क्चर बोआई के लिए खरीद रहे हैं। मंगलवार को खाद की खरीदारी करने पहुंचे मेघौल निवासी किसान कृष्णकांत शर्मा, मटिहानी निवासी अमित कुमार, चकवा निवासी विजय कुमार, मेघौल निवासी रंजीत सिंह, दिनेश सिंह आदि किसानों ने बताया कि रबी सीजन में खाद की कृत्रिम किल्लत दिखाकर व्यापारी हम किसानों से अधिक मूल्य वसूल रहे हैं। मुंहमांगी कीमत नहीं देने पर दुकानदार कहते हैं कि हमारे पास डीएपी नहीं है। ऐसी स्थिति में किसान कहां जाएं और क्या करें, कुछ समझ में नहीं आता है।

डीएपी की उपलब्धता कम होने पर एनपीके का उपयोग कर रहे किसान

संवाद सूत्र, बीहट (बेगूसराय) : बरौनी अंचल क्षेत्र के चिरागी एवं बेचिरागी गांव, मौजा में किसान अपनी रोजी-रोटी के लिए तन-मन से खेती करते हैं परंतु इसके लिए उन्हें समय पर खाद नहीं मिलने से काफी परेशानी हो रही है, हालांकि इस बार रबी फसल लगाने को लेकर किसान चौपाल आयोजित कर जैविक खाद पदार्थों के भरपूर मात्रा में उपयोग करने पर जोड़ दिया गया, परंतु यह पर्याप्त नहीं है। इस संदर्भ में बीएओ उदय शंकर ने बताया कि बरौनी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत किसी भी पंचायत से किसी किसानों द्वारा यह शिकायत नहीं मिली है कि खाद की कालाबाजारी हो रही और किल्लत है। ऐसी शिकायत आने पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में यूरिया की कोई कमी नहीं है। डीएपी की उपलब्धता कम है। इसकी जगह किसान एनपीके का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हाजीपुर, पिपरा देवस, बथौली, मैदा बभनगामा, सहुरी, नींगा, मोसादपूर, जैमरा, सैदपुरहांस, केशावे सहित अन्य मौजा में अभी भी पानी जमा हुआ है। बीएओ ने कहा कि कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार इस पर नजर बनाए रहेंगे और किसी भी तरह की सूचना आती है तो वह अविलंब सूचित करेंगे। इसके लिए उन्हें आदेश दिया गया है।

रबी की बुआई के समय खाद उपलब्ध नहीं होने से किसान परेशान

संवाद सूत्र, शाम्हो (बेगूसराय) : गेहूं उपज में मिनी पंजाब कहे जाने वाले शाम्हो में रबी की बुआई के समय कई तरह की परेशानियों का सामना किसानों को करना पड़ रहा है। प्रखंड क्षेत्र में अगस्त के महीने में आई बाढ़ के कारण भदई फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई। बाढ़ के कारण खेतों की मिट्टी रबी बुआई के समय गिली है। किसान ऊंचाई वाले खेतों को जैसे-तैसे जोत कर बुआई का प्रयास कर रहे हैं। प्रखंड क्षेत्र के किसानों का कहना है कि लचर व्यवस्था के कारण खाद की उपलब्धता नहीं के बराबर है। किसानों ने बताया कि यूरिया तीन सौ से सवा तीन सौ प्रति 50 किलो बैग मिल रहा है। डीएपी उर्वरक की उपलब्धता बिल्कुल ही नहीं है। इसकी जगह एनपीके खाद का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। बताया कि रबी बुआई के समय किसान डीएपी देना पसंद करते हैं, जबकि पटवन के समय यूरिया की जरूरत होती है। एक खुदरा खाद विक्रेता ने बताया कि जिला के डीलर द्वारा मनमानी की जाती है। डीलर द्वारा बेगूसराय गोदाम पर डीएपी खाद 12 सौ से 15 सौ रुपये प्रति 50 किलो का बैग उपलब्ध कराया जाता है। यूरिया 255 रुपये की जगह 258 में उपलब्ध कराया जा रहा है। 35 रुपये प्रति बैग बेगूसराय से शाम्हो तक लाने में ढुलाई खर्च लग रहा है तथा तीन रुपये अनलोडिग खर्च लगता है। इसके बाद उन्हें 266 रुपये में किसानों को उपलब्ध कराने को कहा जाता है जो असंभव है। शाम्हो के बीएओ विजय कुमार सिंह ने बताया कि इसी समस्या को लेकर डीएओ के साथ उनकी बैठक चल रही है। उन्होंने कहा कि बुधवार से प्रखंड क्षेत्र के सभी विक्रेताओं की दुकान और गोदाम में उपलब्ध खाद का सर्वे कराया जाएगा।

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