नशा सेवन मनुष्य के लिए घातक, इससे रहें दूर : धर्मेंद्र महाराज
बेगूसराय। देवाधिदेव महादेव के बारे में लोगों की धारणा बनी है कि वे भांग धतूरा गांजा का सेवन करते हैं। इसी को लेकर लोग नशापान के रूप में भांग और गांजा का सेवन कर रहे हैं। इस गलत धारणा के चलते लोग बुरी आदतों का शिकार हो रहे हैं।
बेगूसराय। देवाधिदेव महादेव के बारे में लोगों की धारणा बनी है कि वे भांग, धतूरा, गांजा का सेवन करते हैं। इसी को लेकर लोग नशापान के रूप में भांग और गांजा का सेवन कर रहे हैं। इस गलत धारणा के चलते लोग बुरी आदतों का शिकार हो रहे हैं। ऐसी धारणा बिलकुल गलत है और लोगों को इस व्यसन से दूर रहना चाहिए। उक्त बातें तीन दिवसीय 11 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के समापन के दिन प्रज्ञा पुराण कथा वाचन के टोली नायक पंडित धर्मेंद्र महाराज ने कहीं।
उन्होंने कहा कि महादेव देवों के देव हैं। सभी देवी-देवताओं से उनकी पूजा पद्धति अलग है। उन्हें चढ़ाए जाने वाले फूल, बेलपत्र, आक, धतूरा, भांग, गांजा आदि भी वैसे ही हैं जो किसी देवी-देवता पर नहीं चढ़ाए जाते हैं। इसी तरह से उनके खान-पान रहन-सहन भी सभी देवी देवताओं से अलग है। उन्होंने विभिन्न तरह के ²ष्टांत देते हुए बताया कि समुद्र मंथन से निकले विष इतने विषाक्त थे कि पृथ्वी पर कोई भी जीव बचने वाला नहीं था। तब बाबा भोलेनाथ ने उस विष का पान किया। उन्होंने कहा कि किसी भी वेद, पुराण, शास्त्र में ऐसा वर्णित नहीं है कि बाबा भोलेनाथ भांग और गांजा का सेवन करते थे। लोगों की यह धारणा गलत है। पंडित धर्मेंद्र महाराज ने बताया कि देवाधिदेव महादेव अजन्मा हैं और अजर हैं। कोई देवी-देवता उनके रहन-सहन और खानपान का अनुसरण नहीं करते हैं। क्योंकि महादेव का अनुशरण करना किसी भी देवी देवताओं की वश की बात नहीं है। तब सोच सकते हैं कि मानव जाति कैसे उनका अनुशरण कर सकता है। प्रज्ञा पुराण कथा के बाद मां गायत्री की आरती की गई। इसके बाद यज्ञ का समापन हुआ।