लक्ष्य प्राप्ति में दिनकर की कविता सहायक
बेगूसराय बुधवार को सात दिवसीय दिनकर जयंती कार्यक्रम के पांचवें दिन राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर प्लस टू स्कूल सिमरिया में दिनकर जयंती समारोह आयोजित किया गया।
बेगूसराय : बुधवार को सात दिवसीय दिनकर जयंती कार्यक्रम के पांचवें दिन राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर प्लस टू स्कूल, सिमरिया में दिनकर जयंती समारोह आयोजित किया गया। राष्ट्रकवि दिनकर स्मृति विकास समिति के तत्वावधान में आयोजित जयंती समारोह में मुख्य वक्ता वरिष्ठ कवि आनंद रमण ने कहा कि दिनकर दूरदर्शी साहित्यकार थे। उनकी उर्वशी से अलौकिक प्रेम को समझा जा सकता है। कहा, दिनकर की तरह बच्चों को बड़े सपने देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सोवियत रूस से आने के बाद दिनकर गांधीवादी से समाजवादी हो गए। युवा कवि ललन लालित्य ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में जब निराशा आए तो दिनकर की कविता जरूर पढ़नी चाहिए। दिनकर की कविता को आत्मसात कर अपने लक्ष्यों को पाया जा सकता है। दिनकर पुस्तकालय के वरीय सदस्य राजेश कुमार सिंह ने कहा कि दिनकर साहित्य जन जन तक पहुंचे इसके लिए समिति अनवरत प्रयास कर रही है। आज सिमरिया के हर बच्चे की जुबान पर दिनकर की कविता है जो इस तरह के आयोजन का प्रतिफल है। दिनकर पुस्तकालय के उपाध्यक्ष प्रवीण प्रियदर्शी ने कहा कि दिनकर केवल प्रश्न नहीं उठाते, वे अपने साहित्य में समाधान भी देते हैं जो विरले कवि ने ही अपनी कविता में किया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता दिनकर पुस्तकालय के अध्यक्ष विश्वंभर प्रसाद सिंह ने की। संचालन स्कूल के शिक्षक भुवनेश्वर दास ने किया। समिति के वरीय सदस्य राजेश कुमार सिंह ने कहा कि समिति अपने उद्देश्यों में सफल हो रही है। आज सिमरिया के हर बच्चे की जुबान पर दिनकर की कविता फुलझड़ी की तरह फूट रही है। विद्यालय के प्राचार्य कुलदीप यादव ने स्वागत भाषण किया। समारोह को पूर्व मुखिया कृष्ण कुमार शर्मा, कोषाध्यक्ष रामनाथ सिंह, विनोद बिहारी, संजीव फिरोज, जितेंद्र झा, बद्री प्रसाद सिंह, लक्ष्मणदेव कुमार, बीएमपी के पूर्व अध्यक्ष कैलाश सिंह, राजेंद्र राय, पुस्तकालय सचिव प्रदीप कुमार आदि ने संबोधित किया। मंचासीन अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर एवं केक काटकर कार्यक्रम की शुरुआत की। वहीं दिनकर के तैल चित्र पर माल्यार्पण किया गया। स्कूल के बच्चों ने स्वागत गान प्रस्तुत कर अतिथियों का स्वागत किया। विद्यालय के 30-40 बच्चों ने दिनकर की रचना तथा भाषण प्रस्तुत की। इनमें ऋषभ, राधेश्याम, गोविद गोपाल, तन्नु, हर्षिता, सपना, प्रज्ञा, सोनम, काजल, पूजा आदि छात्र-छात्राएं शामिल हैं। तन्नु कुमारी ने रश्मिरथी के सर्ग का पाठ किया। मौके पर विद्यालय के शिक्षक शंभू कुमार, विजय कुमार, अंशु प्रिया, कविता कुमारी, रंजू, लोपामुद्रा आदि उपस्थित थे।