दिनकर की रचना आने वाली पीढि़यों के लिए महत्वपूर्ण

बेगूसराय। दिनकर समाजवादी दुनिया के कवि थे। उनकी विचारधारा और सरोकार स्पष्ट है। तभी वे हिदी साहित्य के कवि हैं। उक्त बातें शुक्रवार को दिनकर जयंती समारोह के समापन पर दिनकर पुस्तकालय सभागार में दिनकर स्मृति विकास समिति सिमरिया द्वारा आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए पूर्व सदस्य विधान परिषद सह साहित्यकार प्रेम कुमार मणि ने कहीं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 07:31 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 07:31 PM (IST)
दिनकर की रचना आने वाली पीढि़यों के लिए महत्वपूर्ण
दिनकर की रचना आने वाली पीढि़यों के लिए महत्वपूर्ण

बेगूसराय। दिनकर समाजवादी दुनिया के कवि थे। उनकी विचारधारा और सरोकार स्पष्ट है। तभी वे हिदी साहित्य के कवि हैं। उक्त बातें शुक्रवार को दिनकर जयंती समारोह के समापन पर दिनकर पुस्तकालय सभागार में दिनकर स्मृति विकास समिति सिमरिया द्वारा आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए पूर्व सदस्य विधान परिषद सह साहित्यकार प्रेम कुमार मणि ने कहीं। उन्होंने कहा दिनकर ने जातिवाद के खिलाफ अपनी आवाज को सदैव स्पष्ट रखी। साहित्यकार प्रो. देवशंकर नवीन ने कहा कि दिनकर की रचना आने वाली पीढि़यों के लिए महत्वपूर्ण है। साहित्यकार प्रो. चंद्रभानु प्रसाद सिंह ने कहा कि सिमरिया की धड़कन और बेचैनी दिनकर की कविता में मिलती है। रंगकर्मी अनीश अंकुर ने कहा कि दिनकर हमारे नायक हैं। बीएचयू के हिदी के प्राध्यापक डा. रामाज्ञा शशिधर ने कहा कि दिनकर भविष्य के रचनाकार हैं। दिनकर पुस्तकालय बिहार नवजागरण का केंद्र हो चुका है। मुचकुंद दिनकर की परंपरा को जीवंत रखने वाले एक प्रतीक हैं। समारोह की अध्यक्षता करते हुए बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि दिनकर जिदा हैं और जिदा रहेंगे। इस मौके पर क्रांतिधर्मी मुचकुंद की संघर्ष गाथा पुस्तक का लोकार्पण किया गया। मंच संचालन राजेश कुमार, स्वागत भाषण उपाध्यक्ष प्रवीण प्रियदर्शी ने किया। मौके पर अभिलाषा कुमारी, नेहा कुमारी, पुस्तकालय अध्यक्ष विशंभर सिंह, सचिव प्रदीप कुमार, अमरदीप सुमन, विनोद बिहारी, संजीव फिरोज, कोषाध्यक्ष रामनाथ सिंह, लक्ष्मणदेव, राजीव कुमार, अशांत भोला, दीनानाथ सुमित्र, आदि मौजूद थे। इसके पूर्व सभी आगत अतिथियों ने जीरोमाइल गोलंबर स्थित दिनकर की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया।

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