वर्षा के कारण 10 हजार एकड़ से आधिक में लगी फसल हो चुकी है बर्बाद

बेगूसराय। मंझौल अनुमंडल क्षेत्र में विगत तीन महीने के दौरान भारी बारिश हुई है। कान्हा नक्षत्र ने तो पिछले 30 साल का तोड़ डाला। इससे अनुमंडल क्षेत्र के 10 हजार एकड़ से अधिक जमीन में लगी धान मक्का ओर गन्ने की फसल जमींदोज हो चुकी है। परंतु अधिकारी फसल नुकसान के बदले उत्पादन बढ़ने की दलील दे रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 01 Oct 2020 06:57 PM (IST) Updated:Thu, 01 Oct 2020 06:57 PM (IST)
वर्षा के कारण 10 हजार एकड़ से आधिक में लगी फसल हो चुकी है बर्बाद
वर्षा के कारण 10 हजार एकड़ से आधिक में लगी फसल हो चुकी है बर्बाद

बेगूसराय। मंझौल अनुमंडल क्षेत्र में विगत तीन महीने के दौरान भारी बारिश हुई है। कान्हा नक्षत्र ने तो पिछले 30 साल का तोड़ डाला। इससे अनुमंडल क्षेत्र के 10 हजार एकड़ से अधिक जमीन में लगी धान, मक्का ओर गन्ने की फसल जमींदोज हो चुकी है। परंतु, अधिकारी फसल नुकसान के बदले उत्पादन बढ़ने की दलील दे रहे हैं। इससे किसानों में आक्रोश है।

भाजपा के किसान प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष रामकुमार वर्मा ने डीएम, डीएओ, कृषि मंत्री को समस्या से संबंधित आवेदन भेजा है। इस संबंध में उन्होंने बयान जारी कर कहा है कि भारी बारिश के कारण विभिन्न गांव मोहल्ले और घरों में अभी भी पानी भरा है। लोगों में त्राहिमाम मचा हुआ है। गन्ना, मक्का, धान एवं सब्जी की फसल पानी में डूब कर पूरी तरह नष्ट हो गई है। फसल डूबने से थोक एवं खुदरा बाजार में दाम आसमान पर पहुंच गया है। किसानों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। अनुमंडल क्षेत्र के 80 प्रतिशत खेतों में लगी फसल बर्बाद हो चुकी है, परंतु बीएओ डूबी फसल से ज्यादा उत्पादन की बात कहकर किसानों के साथ मजाक कर रहे हैं। उन्होंने डीएओ बेगूसराय से फसल नुकसान का आकलन कर यथाशीघ्र किसानों को मुआवजा देने की मांग की है। उन्होंने मुआवजा नहीं मिलने पर संपूर्ण जिले में जोरदार आंदोलन करने एवं चक्का जाम करने की चेतावनी दी है।

chat bot
आपका साथी