बारिश की भेंट चढ़ी हजारों हेक्टेयर में लगी फसल
बेगूसराय। तेघड़ा प्रखंड क्षेत्र में बारिश से हजारों हेक्टेयर में लगी खरीफ फसल मक्का बर्बाद हो गई। धान अरहर सोयाबीन पपीता केला भिडी बोरा परवल सोयाबीन आदि फसल तो पूर्व में ही बर्बाद हो चुकी है।
बेगूसराय। तेघड़ा प्रखंड क्षेत्र में बारिश से हजारों हेक्टेयर में लगी खरीफ फसल मक्का बर्बाद हो गई। धान, अरहर, सोयाबीन, पपीता, केला, भिडी, बोरा, परवल, सोयाबीन आदि फसल तो पूर्व में ही बर्बाद हो चुकी है। 20 अगस्त के बाद मौसम में आए बदलाव से किसानों ने पुन: ऊपरी मैदानी क्षेत्र में टमाटर, गोभी, मूली, मिर्च, बोरा, करैला, कद्दू, नेनुआ, खीरा, आदि की फसल लगाई। फसल भी अच्छी थी, परंतु 30 सितंबर से हो रही लगातार बारिश एवं तेज पछुआ हवा के चलते फसल बर्बाद होने लगी है। खेतों में जलजमाव से लहलहाती फसल अब सूखने लगी है। किसान आखिर करें तो क्या करें। पशु चारा भी नष्ट होने के कगार पर है। हथिया नक्षत्र में सितंबर में लगाई जाने वाली फसल मक्का, रैंचा, मटर, चना आदि रबी की बुआई के लिए किसानों ने तैयारी की थी। महंगी जोत, बीज एवं महंगे उर्वरक के उपयोग के बाद अब जल जमाव ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया।
बताते चलें कि प्रखंड के निचले भाग में नवंबर में गेहूं, जौ, मक्का, दलहन, तिलहन आदि की खेती की जाती है। इन तमाम क्षेत्रों में जलजमाव से इन फसलों की बुआई पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। यह स्थिति गौरा, एक- गौरा- दो दनियालपुर, धनकौल, पकठौल, चिल्हाय, पिपरादोदराज एवं बरियारपुर की है। फसल बर्बाद होने से किसानों की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से चरमरा गई है। परिवार का भरण-पोषण कैसे होगा, इसको लेकर किसान काफी परेशान है। उन्होंने स्थानीय प्रशासन और सरकार से मदद करने की गुहार लगाई है। जलजमाव से आगे की फसल बुआई पर भी संकट के बादल मंडराने लगे है।