फर्जी कागजात बनवा नदी की जमीन पर कब्जे की साजिश, डीसीएलआर ने रद की जमाबंदी

बक्सर कांव नदी का जुड़ाव डुमरांव की संस्कृति से है। डुमरांव नगर की बढ़ती आबादी और ड

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Jul 2021 04:32 PM (IST) Updated:Sun, 18 Jul 2021 06:21 PM (IST)
फर्जी कागजात बनवा नदी की जमीन पर कब्जे की साजिश, डीसीएलआर ने रद की जमाबंदी
फर्जी कागजात बनवा नदी की जमीन पर कब्जे की साजिश, डीसीएलआर ने रद की जमाबंदी

बक्सर : कांव नदी का जुड़ाव डुमरांव की संस्कृति से है। डुमरांव नगर की बढ़ती आबादी और डुमरांव के तेजी से शहरीकरण की ओर बढ़ते देख कांव नदी के बांध की कीमती जमीन पर दबंग किस्म के भू-माफियाओें की काली छाया पड़ने लगी है। भू-माफिया कांव नदी की जमीन के फर्जी कागजात बनवा उक्त जमीन को बेच रहे हैं।

इसी कड़ी में चकबंदी कार्यालय एवं अंचल कार्यालय के सांठ-गांठ से कांव नदी की करीब सवा एकड़ जमीन का दाखिल खारिज एवं कर का निर्धारण एवं लगान रसीद कटा लिए जाने के मामले का पर्दाफाश हुआ है। इसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता श्रद्धानंद तिवारी समेत अन्य लोगों की पहल पर भूमि सुधार उप समाहर्ता के न्यायालय में वाद लाया गया, जिसके आलोक में सुनवाई करते हुए डीसीएलआर ने जमाबंदी का विखंडन करने का आदेश दिया है। साथ ही यह बताया है कि नदी में यहां मत्स्य पालन से लेकर तैराकी प्रशिक्षण केंद्र का संचालन भी कराया जाएगा।

सूचना के अधिकार से मिली थी जानकारी

श्रद्धानंद तिवारी ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी प्राप्त की थी कि चकबंदी कार्यालय द्वारा कांव नदी के बांध की जमीन पर नगर परिषद के वार्ड संख्या 6 के अंतर्गत एवं कार्यालय में दर्ज नहीं किया गया है। जबकि, अंचल कार्यालय द्वारा आंख मूंद कर वर्ष 84-85 में कांव नदी के बांध की करीब 0.45 एकड़ जमीन का (भारत सरकार सिचाई विभाग की जमीन) दाखिल-खारिज एवं जमाबंदी औद्योगिक थाना क्षेत्र के सिकरौल निवासी खूबलाल राम, पिता सोमारू राम के नाम तक कर दिया गया। अंचभित करने वाली बात तो यह है कि खूबलाल राम के मरने के बाद उसी कांव नदी के बांध की जमीन का अंचल कार्यालय द्वारा वाद संख्या 509/16-17 का हवाला देकर उनके पुत्र बिजेन्द्र राम के नाम पर नामांतरण कर दिया गया। साथ ही जमाबंदी कर लगान रसीद कटा ली गयी जबकि नगरपालिका के दस्तावेज में उक्त जमीन कांव नदी के बांध के रूप में अंकित है।

डीसीएलआर के न्यायालय में दायर हुई अपील तो खुली सीओ की आंखें

काव नदी के बांध की जमीन के मामले का पर्दाफाश होने के बाद सामाजिक कार्यकर्ता श्री तिवारी द्वारा भूमि सुधार उपसमाहर्ता के न्यायालय में अपील दायर की गई। श्रद्धानंद तिवारी बनाम खूबलाल राम वाद संख्या 91/18-19 में भूमि सुधार उपसमाहर्ता देवेन्द्र प्रताप शाही ने सुनवाई करने के दरम्यान अंचल कार्यालय द्वारा की गई जमीन की जमाबंदी को विखंडित कर रिमांड किया। साथ ही अंचलाधिकारी को तथ्यों के आलोक में विधि प्रक्रियाओं का पालन करते हुए नए सिरे से विधि संगत आदेश पारित करने का आदेश दिया। तब जाकर वर्तमान अंचलाधिकारी की आंखें खुलीं और आनन फानन में नदी की जमीन पर अवैध दखल कब्जा करने वाले को पुलिस बल के सहयोग से हटाया गया।

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कांव नदी के बांध की जमीन से हर हाल में अवैध कब्जा हटवाया जाएगा। नदी की महता को देखते हुए नदी के रकबा में मत्स्य पालन एवं तैराकी प्रशिक्षण केन्द्र खोले जाने को लेकर जिला प्रशासन द्वारा कवायद जारी है।

देवेन्द्र प्रताप शाही, भूमि सुधार उप समाहर्ता, डुमरांव

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