दिनकर भवन में टीका खत्म होने के बाद लौटे लाभार्थी
बेगूसराय। एक तरफ सूबे की सरकार छह माह में छह करोड़ टीका लगाने से संबंधित संकल्प से संबंधित होर्डिंग व पोस्टर लगा रही है लेकिन धरातल पर हकीकत यह है कि जिला स्थित टीकाकरण केंद्र पर टीका की अनुपलब्धता के कारण अब भी लाभार्थी बिना टीका लगाए लौट रहे हैं।
बेगूसराय। एक तरफ सूबे की सरकार छह माह में छह करोड़ टीका लगाने से संबंधित संकल्प से संबंधित होर्डिंग व पोस्टर लगा रही है, लेकिन धरातल पर हकीकत यह है कि जिला स्थित टीकाकरण केंद्र पर टीका की अनुपलब्धता के कारण अब भी लाभार्थी बिना टीका लगाए लौट रहे हैं। मंगलवार की दोपहर बाद टीका खत्म होने के कारण दिनकर भवन समेत अन्य टीकाकरण केंद्र से लाभार्थी लौटते रहे। दोपहर बाद तीन बजे टीके की 20 डोज आने के बाद बचे-खुचे 50 लोग टीके के लिए आपाधापी करते नजर आए।
सुबह 10 बजे : दिनकर भवन स्थित टीकाकरण केंद्र पर सुबह दस बजे टीका लगाने वालों की अच्छी खासी भीड़ जुटी रही। निबंधन काउंटर पर तैनात कम्प्यूटर ऑपरेटर बारी-बारी से लोगों को ऑन स्पाट निबंधन करने में व्यस्त दिखे तो टीकाकर्मी टीका लगाने में व्यस्त दिखी। इस दौरान 45 प्लस के लाभार्थियों को भी टीके का इंतजार नहीं करना पड़ा और वे भी टीका लगा कर कुर्सियों पर आराम करते दिखे।
दोपहर 1 बजे : दोपहर एक बजे सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक टीका लगाने के लिए स्वर्ण जयंती पुस्तकालय में नवउद्धाटित टीकाकरण केंद्र खाली-खाली नजर आया। केंद्र पर ना तो कोई कोई चिकित्सा कर्मी नजर आए ना ही लाभार्थी। अलग-बगल के दुकानदारों से पूछने पर जानकारी मिली कि मंगलवार से उक्त टीकाकेंद्र को सदर अस्पताल स्थित एएनएम हास्टल में स्थानांतरित किया जा रहा है। जहां सुरक्षित माहौल में सुबह नौ बजे से शाम नौ बजे तक लाभार्थियों को टीका लगाया जाएगा।
शाम चार बजे : शाम चार बजे दिनकर भवन में टीका समाप्त होने के बाद लाभार्थी लौटते दिखे। टीकाकरण केंद्र पर तैनात कर्मियों ने बताया कि साढे़ तीन बजे ही टीका खत्म हो गया है। टीके की 20 डोज फिर से मिली है जो नाकाफी है। इधर सदर अस्पताल स्थित एएनएम हास्टल में स्थानांतरित किए गए टीकाकरण केंद्र के मुख्य द्वारा पर कर्मी होर्डिंग लगाते दिखे, वहीं अंदर टीकाकर्मी लाभार्थी के इंतजार में बैठी दिखी। पूछने पर बताया कि कुछ डोज बचा है, लेकिन लाभार्थी नहीं आ रहे हैं। यहां शाम चार बजे तक मात्र 14 लाभार्थियों को ही टीका लगाया जा सका था।