खोदावंदपुर पोखर के जीर्णोद्धार को प्रशासन ने कसी कमर

बेगूसराय जल संरक्षण के लिए बिहार सरकार प्रदेश के सार्वजनिक तालाबों मोईन आहर कुआं

By JagranEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 10:20 PM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 10:20 PM (IST)
खोदावंदपुर पोखर के जीर्णोद्धार को प्रशासन ने कसी कमर
खोदावंदपुर पोखर के जीर्णोद्धार को प्रशासन ने कसी कमर

बेगूसराय : जल संरक्षण के लिए बिहार सरकार प्रदेश के सार्वजनिक तालाबों, मोईन, आहर, कुआं, नहर आदि का जीर्णोद्धार कर जल संरक्षण कार्यक्रम के तहत युद्ध स्तर पर काम कर रही है। जगह-जगह मनरेगा के तहत ऐसे तालाबों का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना पार्ट- टू के तहत भी पंचायतों के माध्यम से ऐसे ताल तलैया, नहर, मोईन, कुआं को संरक्षित कर जल को सहेजने की कवायद की जा रही है।

जल संरक्षण कार्यक्रम के तहत खोदावंदपुर प्रखंड में भी तालाबों का जीर्णोद्धार कर जल संरक्षण को प्राथमिकता से किया जा रहा है। प्रखंड की खोदावंदपुर पंचायत में प्रखंड मुख्यालय से महज सौ गज उत्तर एसएच 55 के किनारे खोदावंदपुर पोखर इसका नजीर है। करीब दो सौ वर्ष पूर्व मेघौल पंचायत स्थित बिदुलिया ठाकुरबाड़ी के महंत स्व. दुखभंजन दास जी ने इस तालाब का निर्माण करवाया था। उस समय इस तालाब में फफौत, मटिहानी चौर एवं तारा, बजही गांव का वर्षा जल बहकर तालाब में आता था। कलांतर में जहां तहां ग्रामीण सड़कों एवं आवास के कारण जल बहाव पथ अवरुद्ध हो गया। इससे तालाबों में पानी आना बंद हो गया। नतीजतन वैशाख, जेठ के महीना में यह तालाब सूख कर बच्चों के खेल का मैदान हो जाता था। तालाब बना अतिक्रमण की शिकार :

प्रखंड मुख्यालय के बगल में होने के कारण तालाब की भूमि कीमती हो गई। गर्मी के मौसम में तालाब में पानी नहीं ठहर पाता था। इसके कारण पोखरा के आसपास के भूस्वामियों ने इसका अतिक्रमण भी कर लिया है। तालाब के पूर्वी और दक्षिणी मुहाने पर लोगों द्वारा स्थाई रूप से घर और पशुओं का बथान बना लिया है। अतिक्रमण के कारण तालाब का स्वरूप विकृत हो गया था। तालाब के अंदर जल सतह पर काफी मात्रा में गाद भर गया था, इससे इसकी गहराई कम हो गई थी। मनरेगा से कराया गया जीर्णोद्धार

सरकार ने जलसंरक्षण कार्यक्रम के तहत तालाबों की सुरक्षा को प्राथमिकता सूची में लिया है, तब जाकर प्रशासन की नींद टूटी। पिछले वित्तीय वर्ष में मनरेगा द्वारा लाखों रुपये की राशि से पंचायत के माध्यम से तालाब की खुदाई कर जीर्णोद्धार किया गया। अब आया है तालाब में पानी :

मनरेगा द्वारा तालाब की उड़ाही करने तथा बीते बारिश मौसम में अवरुद्ध किए गए जल बहाव पथों को प्रशासन द्वारा जेसीबी मशीन से खुदाई करने के बाद अब इस तालाब में फफौत, मटिहानी चौर तथा आसपास के गांवों का पानी भी आने लगा है। पोखर के गाद की सफाई के बाद तालाब की गहराई भी बढ़ी है। पोखर के मुहाने पर उड़ाही वाला मिट्टी डाले जाने पर तालाब की ऊंचाई भी बढ़ा है।

कहती है मुखिया खोदावंदपुर पंचायत की : मुखिया शोभा देवी बताती हैं कि प्रारंभिक चरण में बीते वर्ष मनरेगा से इसका जीर्णोद्धार करवाया गया है। इस पर तकरीबन तीन लाख से अधिक राशि व्यय की गई है जो नाकाफी है। आनेवाले दिनों में इसके सौंदर्यीकरण की योजना है। आगामी चुनाव में मुझे अवसर मिले या ना मिले, हमारा प्रयास रहेगा एक मॉडल तालाब के रूप में विकसित करने का। उन्होंने आमजनों से भी अपील की है कि जल को संरक्षित करने के लिए अपनी निजी जमीन पर भी मिनी तालाबों और सोखता का निर्माण तथा अपने मकान की छतों पर वर्षा जल संयंत्र लगाकर जलसंचय को एक जन आंदोलन का रूप दें।

शोभा देवी, मुखिया, खोदावंदपुर

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