10-12 की जगह प्रतिदिन आ रहे 80-90 शव, कम पड़ रही है लकड़ियां

बेगूसराय। कोरोना किस कदर भयावह रूप ले चुका है इसका अंदाजा दाह संस्कार के लिए लकड़ी की मंडी कहे जाने वाले बीहट चांदनी चौक से गायब लकड़ियों की ढेर को देखकर लगाया जा सकता है। चूंकि बेगूसराय एवं आसपास के जिले के लोग जो सिमरिया गंगा तट पर शव के दाह संस्कार के लिए आते हैं वे बीहट चांदनी चौक अथवा सिमरिया घाट स्थित लकड़ी की दुकान से ही दाह संस्कार के लिए लकड़ी खरीदते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 11:19 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 11:19 PM (IST)
10-12 की जगह प्रतिदिन आ रहे 80-90 शव, कम पड़ रही है लकड़ियां
10-12 की जगह प्रतिदिन आ रहे 80-90 शव, कम पड़ रही है लकड़ियां

बेगूसराय। कोरोना किस कदर भयावह रूप ले चुका है, इसका अंदाजा दाह संस्कार के लिए लकड़ी की मंडी कहे जाने वाले बीहट चांदनी चौक से गायब लकड़ियों की ढेर को देखकर लगाया जा सकता है। चूंकि बेगूसराय एवं आसपास के जिले के लोग जो सिमरिया गंगा तट पर शव के दाह संस्कार के लिए आते हैं, वे बीहट चांदनी चौक अथवा सिमरिया घाट स्थित लकड़ी की दुकान से ही दाह संस्कार के लिए लकड़ी खरीदते हैं। अभी इतने शव दाह संस्कार के लिए आ रहे हैं कि उक्त दोनों मंडी में लकड़ी कम पड़ गई है। तीसों दिन इन दोनों जगहों पर लकड़ी के बड़े-बड़े टीले नजर आते थे, जो अब गायब हो रहे हैं। मालदह से नहीं आ रही लकड़ी, ट्रक का भाड़ा हुआ दोगुना

जानकारी के अनुसार, सिमरिया गंगा नदी तट पर प्रतिदिन 80-90 से अधिक शव का दाह संस्कार हो रहा है। सिमरिया के डोम राजा ने बताया कि अभी यह स्थिति हो गई है कि एक साथ दस-12 शव जलते भी नहीं कि उतने फिर नंबर लग जा रहे हैं। पूरा घाट भरा रहता है। कोरोना काल में मरने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है। बीहट चांदनी चौक पर सालों भर शव के दाह संस्कार के लिए लकड़ी 24 घंटे बिकती है। लेकिन कोरोना काल में आम की लकड़ी की खपत बढ़ गई है। लकड़ी कारोबारी विछन सिंह, बिजो शर्मा, माटो शर्मा, निलेश सिंह, पप्पू सिंह, नरेश महतो, चंद्रदेव रजक ने बताया कि कोरोना काल के पूर्व दिन भर में 10-12 शव के लिए लकड़ी बेचते थे। परंतु, कोरोना संक्रमण फैलने के बाद शव आने की संख्या में वृद्धि हो गई है। लगभग 80-90 शव रोज आ रहे हैं। इससे लकड़ी की खपत बढ़ गई है। लकड़ी की सप्लाई नहीं होने की वजह से भी लकड़ी की किल्लत हो गई है। दुकानदारों ने बताया कि बीहट में आम की लकड़ी मालदह, बंगाल से आती है। इन दिनों लॉकडाउन की वजह से और बंगाल में बारिश होने की वजह से लकड़ी की गाड़ी नहीं आ रही है। इससे लकड़ी के दाम चार सौ रुपये मन हो गया है। जबकि पहले एक मन लकड़ी तीन सौ रुपये में मिल जाता था। दुकानदारों ने बताया कि अगर यही स्थिति रही तो शव के दाह-संस्कार के लिए लकड़ी मिलना मुश्किल हो जाएगा। दुकानदार नीलेश सिंह एवं पप्पू सिंह ने बताया कि पहले 17-18 हजार रुपये में ट्रक आता था। अब 35 हजार रुपये ट्रक वाले भाड़ा मांग रहे हैं।

पूजा दुकान बंद होने से बढ़ी परेशानी

लॉकडाउन लागू होने के बाद पूजा दुकान बंद रहने से दाह संस्कार के लिए आने वाले लोगों को भारी परेशानी हो रही है। दुकानें खुली रहने से लोगों को महंगा ही सही लेकिन सामान मिल जाता था। सिमरिया गंगा नदी तट पर होटल बंद रहने से लोगों को भोजन और पानी की किल्लत का भी सामना करना पड़ रहा है।

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