172 किसानों ने घूसखोरी और लाभ से वंचित करने का दर्ज कराया मामला

बेगूसराय छौड़ाही प्रखंड के कृषि समन्वयक कुमार रंजीत रंजन के विरुद्ध लोक शिकायत बेगूसर

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 10:08 PM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 10:08 PM (IST)
172 किसानों ने घूसखोरी और लाभ से वंचित करने का दर्ज कराया मामला
172 किसानों ने घूसखोरी और लाभ से वंचित करने का दर्ज कराया मामला

बेगूसराय : छौड़ाही प्रखंड के कृषि समन्वयक कुमार रंजीत रंजन के विरुद्ध लोक शिकायत बेगूसराय में छौड़ाही प्रखंड के 172 किसानों ने अलग-अलग तीन मामले मामला दर्ज कराए हैं। लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, बेगूसराय ने डीएओ को नोटिस जारी कर स्वयं या अधिकृत अधिकारी द्वारा जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। नोटिस जारी होते ही कृषि विभाग में खलबली मच गई है। डीएओ ने तीन आदेश जारी कर बीएओ और कृषि समन्वयक से दो दिनों के अंदर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है।

छौड़़ाही प्रखंड के गौड़ीडीह निवासी गौरव कुमार द्वारा दर्ज कराए गए मामले में उन्होंने कहा है कि पिछले रबी मौसम में उनकी पंचायत में 171 किसानों ने फसल क्षति के लिए आवेदन किया। इसमें कृषि समन्वयक कुमार रंजीत रंजन ने मात्र एक किसान का स्थल निरीक्षण कर फसल क्षति का लाभ दिलाया। शेष 170 किसानों के खेतों को उन्होंने देखना भी उचित नहीं समझा, जबकि पंचायत के किसान सलाहकार विजय सिंह ने सभी किसानों के फसल का निरीक्षण और फोटोग्राफी कर रिपोर्ट भेजी थी। परंतु, उनकी बातों को नजरअंदाज किया गया, जिससे सभी किसान लाभ से वंचित हो गए।

वहीं मालपुर पंचायत के चंदन कुमार के आवेदन में उन्होंने कहा कि उनके क्षतिग्रस्त फसल समेत 152 किसानों की गेहूं फसल की बर्बाद हुई थी। लेकिन कृषि समन्वयक ने फसल क्षति का लाभ नहीं दिलाया। सभी किसानों की फसल क्षति की जानकारी पंचायत स्थित किसान सलाहकार मुनील सिंह को भी थी। उन्होंने प्रखंड कृषि कार्यालय को सूचित भी किया था। परंतु, किसान विरोधी कृषि पदाधिकारी और समन्वयक ने घूस नहीं मिलने पर घर बैठे सभी आवेदन रिजेक्ट कर दिए।

तीसरा मामला मालपुर पंचायत के रवि प्रकाश आदि किसानों ने दर्ज कराया है। आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का आवेदन छह महीना अपने लॉगिन आइडी में रखकर मोल भाव करते रहे। जब वह मुझसे मोल भाव में सफल नहीं हुए तो मेरा आवेदन यह कह कर रद कर दिए कि मैं शादीशुदा नहीं हूं। उन्होंने कहा कि पहले डीएओ को आवेदन दिया था। तब डीएओ के आदेश के आलोक में बीएओ छौड़ाही ने आरोप से संबंधित साक्ष्य के साथ सोमवार 27 अप्रैल को उपस्थित होने का आदेश जारी कर दिया। तय समय पर उपस्थित होकर लिखित जवाब साक्ष्य के साथ बीएओ को समर्पित किया। लॉकडाउन के कारण न्यायालय कार्यालय सभी बंद थे, बावजूद उन्हें बेवजह यहां दौड़ाया गया। उन्होंने घूस देने से इंकार कर दिया तो अविवाहित होने का कारण बताकर फसल सहायता आवेदन रद कर दिया गया। पंरतु, उनके ही गांव के अविवाहित व्यास नंदन सिंह, भागीरथी सिंह, रामनिवास, जयजय राम, रामविलास सिंह समेत 20 से ज्यादा लोग जो अविवाहित हैं उनको फसल सहायता योजना का लाभ दे दिया गया। इसका साक्ष्य भी दिया गया है। मालपुर पंचायत की मुखिया मनीषा देवी ने भी हमारे इस लिखित जवाब में अपने दस्तखत मोहर के साथ कृषि समन्वयक पर लगाए गए आरोप को सही बताया है। कृषि चौपाल आदि कार्यक्रमों में सार्वजनिक तौर पर भी सहुरी मुखिया समेत कई जनप्रतिनिधि और किसान कृषि समन्वयक रंजीत रंजन पर घूस मांगने का आरोप लगा चुके हैं। इसकी गवाही दर्जनों किसान देंगे।

लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, बेगूसराय द्वारा जारी नोटिस के आलोक में डीएओ शैलेश कुमार ने पत्रांक 2328, 2329 और 2330 दिनांक 27-10-2020 के द्वारा तीन आदेश जारी कर छौड़ाही बीएओ राम किशोर शर्मा और कृषि समन्वयक रंजीत रंजन से लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा मांगे गए जवाब के साथ दो दिनों के अंदर उपस्थित होने का निर्देश जारी किया है।

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