चांदन डायवर्जन का काम तेज, नदी के बहाव से परेशानी

बांका। चांदन नदी में रविवार को पानी का बहाव कम होते ही डायवर्जन मरम्मत का काम युद्धस्तर पर शुरू हो गया है मगर किनारे वाली धारा में अभी भी बहाव तेज रहने से डायवर्जन का काम गति नहीं पकड़ सका है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 10:22 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 10:22 PM (IST)
चांदन डायवर्जन का काम तेज, नदी के बहाव से परेशानी
चांदन डायवर्जन का काम तेज, नदी के बहाव से परेशानी

बांका। चांदन नदी में रविवार को पानी का बहाव कम होते ही डायवर्जन मरम्मत का काम युद्धस्तर पर शुरू हो गया है, मगर किनारे वाली धारा में अभी भी बहाव तेज रहने से डायवर्जन का काम गति नहीं पकड़ सका है। इस धारा को बांस का जाल और बालू की बोरी डालकर कम करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके बाद इसमें ह्यूम पाइप डाला जा सकेगा। अब सोमवार सुबह तक नदी में पानी कम होने से काम गति पकड़ सकेगा। इसके बावजूद रविवार सुबह से ही काफी संख्या में मजदूर और मशीन के साथ कार्यकारी एजेंसी ने इसे ठीक करने का प्रयास शुरू कर दिया है। जिस हिस्से में पानी कम हो गया है, वहां बोरी डालकर रास्ता निर्माण किया जा रहा है। वहीं मुख्य धारा पर बने डायवर्जन को जहां-तहां हुए नुकसान को भी ठीक कर दिया गया है। राज्य पुल निर्माण निगम के कार्यपालक अभियंता प्रभात कुमार कई इंजीनियर के साथ चांदन नदी डायवर्जन पर काम को देख रहे हैं।

--------------------

नहीं मान रहा काम, संकट में प्राण

नदी में तेज बहाव और पुराना पुल पूरी तरह धराशाही हो जाने के बाद भी जरूरी काम के लिए लोग जान जोखिम में डाल नदी पार कर रहे हैं। रविवार सुबह ही पानी थोड़ा कम होते ही नदी पार करने का सिलसिला तेज हो गया। पैदल लोग गमछा पहन कर शहर प्रवेश कर रहे हैं। कुछ लोग साइकिल को भी पुराने जर्जर पुल के माध्यम से शहर में प्रवेश करा रहे हैं। इसकी सूचना पर प्रशासन ने खतरनाक डायवर्जन के रास्ते को शुरुआत में ही बंद करा दिया है। मगर जरूरी काम वाले लोग नदी के बीचों बीच शहर आने को मजबूर हैं। ऐसे में किसी वक्त कोई दुर्घटना नदी में हो सकती है।

-----------------------

डेढ़ साल की देरी पर उठ रहा सवाल

चांदन पुल क्षतिग्रस्त हुए अब 19 महीना हो गया है। इसके बावजूद अबतक पुल निर्माण का काम शुरु नहीं हो सका है। डायवर्जन टूटने पर जिला एक बार फिर संकट में फंसा हुआ है। जनवरी 19 में पुल क्षतिग्रस्त होने और मई में ध्वस्त हो जाने के बाद भी सरकार और प्रशासन के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि सक्रिय हुए होते से अब पुल निर्माण का काम पूरा होने वाला रहता है। तब लोगों को यह दुख नहीं झेलना पड़ता। पिछले साल तो बरसात के अधिकांश समय लोगों को नदी में कमर तक पानी पार कर ही शहर आना पड़ा। इस बार भी थोड़ी की बारिश के बाद नदी का डायवर्जन बह गया। इंटरनेट मीडिया में प्रशासन और जनप्रतिनिधि के इस रवैये को स्थानीय लोग खूब कोस रहे हैं।

chat bot
आपका साथी