अच्छी बारिश से नदियों में फूटी जलधारा

बांका। पिछले कई महीनों से सूखी बांका की नदियों में दो दिनों की अच्छी बारिश के बाद जलधारा फूट गई है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 09:43 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 09:43 PM (IST)
अच्छी बारिश से नदियों में फूटी जलधारा
अच्छी बारिश से नदियों में फूटी जलधारा

बांका। पिछले कई महीनों से सूखी बांका की नदियों में दो दिनों की अच्छी बारिश के बाद जलधारा फूट गई है। बैसाख में चांदन, ओढ़नी, चीर, सुखिनया जैसी नदियां बहने लगी है। चांदन में दो दिनों से अच्छा पानी बह रहा है। इस बारिश ने जिला भर में व्याप्त पेयजल संकट को हद तक कम कर दिया है।

नदियों में पानी बहने से भूजल स्तर ठीक होने लगा है। महीने दो महीने से बंद पड़ा कई चापानल और बोरिग काम करने लगा है। इससे लोगों को गर्मी के साथ जल संकट से भी राहत मिली है। नदी में पानी आ जाने से सबसे अधिक राहत पशुपालकों ने महसूस किया है। पशुओं को महीने भर से पीने के पानी का ठिकाना नहीं था। अब नदियों के साथ गांव-गांव में कई जगह पानी जमा हो गया है।

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पिछले एक पखवारे से हो रही बारिश

जिला पर बारिश पिछले एक पखवाड़ा से मेहरबान है। पिछले मानसून सीजन के बाद से ही जिला में बारिश नहीं हो रही थी। पहले 29 अप्रैल को आंधी के साथ बूंदाबांदी हुई। इसके बाद पांच और 10 मई को अच्छी बारिश हुई, लेकिन सबसे तेज बारिश 12 मई की शाम में हुई। इस दिन घंटे भर की जोरदार बारिश ने नदियों की धारा को भी जिदा कर दिया। दो दिन से सबसे बड़ी चांदन नदी में भी पानी बह रहा है। किसान शंकर यादव, राघव सिंह आदि ने बताया कि दशहरा के बाद से ही इस बार जिला में बारिश नहीं हो रही थी। इससे जलस्तर काफी नीचे चला गया था। गांव-गांव में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ था। अब अच्छी बारिश से भूजलस्तर खुद ठीक हो रहा है। इसने मूंग की फसल के साथ बागवानी खेती को भी सहारा दिया है। जल संचय का काम देख रहे जयंत वाजपेई बताते हैं कि बैसाख में इतनी जोरदार बारिश लोगों को काफी राहत दे गया है। जिला का भू जलस्तर 20 से 25 फीट तक नीचे चला गया था। इससे अधिकांश चापानल ने पानी देना बंद कर दिया था। अब कम से कम पखवाड़े से महीने भर के लिए यह संकट कम हो गया है।

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