विश्व मृदा दिवस पर किसानों को किया गया जागरूक

संवाद सूत्र बांका विश्व मृदा दिवस पर रविवार को कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तहत रजौन प्रखंड के चयनित गांव कठौन में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें किसानों को मिट्टी की गुणवत्ता के साथ ही खेतों में रासायनिक खाद के प्रयोग को कम करने के लिए किसानों को जागरूक किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 09:55 PM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 09:55 PM (IST)
विश्व मृदा दिवस पर किसानों को किया गया जागरूक
विश्व मृदा दिवस पर किसानों को किया गया जागरूक

- कार्यक्रम में 120 किसानों ने लिया भाग

- 20 किसानों को दिया गया मृदा स्वास्थ्य कार्ड

फोटो: 5बीएन 18

संवाद सूत्र, बांका: विश्व मृदा दिवस पर रविवार को कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तहत रजौन प्रखंड के चयनित गांव कठौन में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें किसानों को मिट्टी की गुणवत्ता के साथ ही खेतों में रासायनिक खाद के प्रयोग को कम करने के लिए किसानों को जागरूक किया गया। इस दौरान 20 किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया गया।

इस दौरान केविके के वरीय विज्ञानी एवं प्रधान डा. मुनेश्वर प्रसाद ने कहा कि आज की खेती में जीवाश्म की कमी देखी जा रही है। खेतों में कार्बनिक खादों का प्रयोग लगभग शून्य हो गया है। उन्होंने कहा कि जैविक खादों के उपयोग से ही मृदा की उर्वरता को बढ़ाया जा सकता है। किसानों को यह जानना जरूरी है कि उनके खेत की मिट्टी में किस तत्व की कमी और किस तत्व की अधिकता है। किसानों को फसल का अधिकतम उत्पादन प्राप्त करने के लिए उर्वरकों का समेकित उपयोग करना होगा।

मृदा विज्ञानी संजय कुमार मंडल ने बताया कि सभी किसानों को हर तीन साल में अपने खेतों की मिट्टी की जांच अवश्य कराए। मिट्टी जांच के बाद उनको दिए गए मृदा स्वास्थ्य कार्ड में उनके खेत में किस पोषक तत्व की कमी है इसका पता चल जाएगा। अधिक खाद का प्रयोग करने से खेतों की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है। इस दौरान केविके के कंप्यूटर प्रोग्रामर राजिव कुमार सहित काफी संख्या में किसान मौजूद थे।

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