विद्यालयों में गूंजी किलकारी, मास्क-सैनिटाइजर का दिखा संकट

बांका। 11 महीने से अधिक की बंदी के बाद जिला का करीब 22 सौ सरकारी प्राथमिक विद्यालय सोमवार को खुल गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 09:43 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 09:43 PM (IST)
विद्यालयों में गूंजी किलकारी, मास्क-सैनिटाइजर का दिखा संकट
विद्यालयों में गूंजी किलकारी, मास्क-सैनिटाइजर का दिखा संकट

बांका। 11 महीने से अधिक की बंदी के बाद जिला का करीब 22 सौ सरकारी प्राथमिक विद्यालय सोमवार को खुल गया। स्कूलों में पहले दिन बच्चों की उपस्थिति तो कम दिखी ही, पढ़ाई भी पटरी पर लौटी नहीं दिख सकी। अधिकांश विद्यालयों में इक्के दुक्के ही बच्चे दिखे।

मध्य और माध्यमिक कक्षाएं पहले से खुली है। वहां अब बच्चे दिखने लगे हैं। हाईस्कूलों में तो नवमीं बोर्ड की परीक्षा के बाद काफी भीड़ जमा हो रही है। सरकारी के साथ प्राइवेट स्कूलों में भी सोमवार से बच्चों की किलकारी गूंजने लगी।

अमरपुर: अधिकांश विद्यालय में कोविड नियमों को धत्ता बताते हुए बिना मास्क एवं सैनिटाइजर के बच्चे विद्यालय पहुंचे। इससे इतर शहर के आदर्श मध्य विद्यालय बालक में कोविड नियमों का पालन करते हुए विद्यालय में प्रवेश करने पर सभी बच्चों का हाथ सैनिटाइज कराया गया। सभी बच्चे मास्क पहने दिखे। इसके अलावा कक्षा में दो गज दूरी के मंत्र का शिक्षक अनुपालन कराते हुए दिखे। विद्यालय के प्रधानाध्यापक वेदानंद सुमन ने बताया कि कक्षा एक से पांच कक्षा तक 332 छात्र नामांकित हैं। सोमवार को 174 छात्र उपस्थित हुए हैं।

चांदन: कोरोना के नियमों का पालन किसी भी विद्यालय में नहीं दिख रहा है। विद्यालय आने वाले बच्चे सभी जगह बिना मास्क ही अपने अपने विद्यालय में पढ़ते मिले। प्रतिनिधि द्वारा मुख्यालय के साथ गौरीपुर, डुब्बा, पारडीह, जुगड़ी सहित कई स्कूलों को देखने के बाद शिक्षक भी अब बिना मास्क का ही बच्चों को पढ़ा रहे हैं।

धोरैया: बच्चे बिना मास्क के ही विद्यालय पहुंचे। जबकि उन्हें मास्क मुहैया कराने के लिए प्रखंड के विद्यालयों में 24 हजार मास्क का वितरण बच्चों के बीच किया गया है। प्रखंड मुख्यालय के सामने मध्य विद्यालय धोरैया में वर्ग एक से आठ तक नामांकित सात सौ बच्चों में 130 बच्चों की उपस्थिति हुई। वर्ग एक से पांच तक में 27 बच्चे मीडिल स्कूल धोरैया में थे। मध्य विद्यालय बटसार में भी बच्चों की उपस्थिति नामांकन के अनुसार नहीं थी।

शंभुगंज: पहली से पांचवी कक्षा तक के बच्चे कंधे पर बैग लटकाए बगैर मास्क के विद्यालय पहुंचे। जहां शिक्षक द्वारा भी बच्चों को मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध नहीं कराया गया। बाजार के मध्य विद्यालय में शिक्षक तो मास्क में दिखे, पर एक भी बच्चों के चेहरे पर मास्क नहीं दिखा। विद्यालय प्रभारी रंजन कुमार ने बताया कि पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक में करीब आठ सौ नामांकन है। इसमें 154 छात्र-छात्राओं की उपस्थिति है। विद्यालय में जीविका द्वारा मास्क मुहैया कराना था, लेकिन अभी तक मास्क नहीं दिया गया है।

बौंसी: अधिकांश स्कूलों में सरकार की जारी गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई जा रही है। डैम रोड स्थित आदर्श मध्य विद्यालय में कक्षा प्रथम से पांचवी तक 189 नामांकित बच्चे हैं। इसमें मात्र 43 छात्र-छात्राएं स्कूल पहुंचे थे। अधिकांश बच्चे बिना मास्क के थे। कन्या मध्य विद्यालय में 150 नामांकित बच्चे हैं। जिसमें 50 छात्रा पढ़ाई के लिए पहुंची थी। कुछ छात्रा अपने घर से मास्क पहन कर स्कूल पहुंची थी। मध्य विद्यालय पंडा टोला में नामांकित बच्चे 212 में 60 छात्र छात्रा प्रथम वर्ग से पांचवी तक वर्ग के पढ़ाई करने के लिए पहुंचे थे। जर्जर भवन के बीच छात्र छात्रा बिना मास्क के बैठे हुए थे। इसके अलावा बंसीपुर प्राथमिक विद्यालय में 216 में 44 बच्चों में अधिकांश बिना मास्क के थे। भीखा, झपनियां स्कूल, कैरी मध्य विद्यालय, सिरांय, ब्रह्मपुर आदि विद्यालयों में भी विभाग द्वारा मास्क उपलब्ध नहीं हुआ था। बीईओ मोहम्मद ईशा ने बताया कि विभाग द्वारा मास्क उपलब्ध नहीं कराया गया है। स्कूल प्रबंधन को अपने स्तर से मास्क बच्चों को देने के लिए कहा गया है।

बेलहर: अधिकतर स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया। मास्क अनिवार्य था। इसके बाद भी स्कूलों में मास्क व सैनिटाइजर की समुचित व्यवस्था नहीं थी। बीईओ ने बताया सभी स्कूलों में मास्क और सैनिटाइजर की समुचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है।

बाराहाट (बांका): कोरोना वायरस के कारण करीब 11 माह से बंद प्रखंड क्षेत्र के सभी प्राथमिक विद्यालय सोमवार को खुल गए। खासकर नन्हे कदमों के पैर स्कूल परिसर में पढ़ते ही पुरानी रौनक देखने को मिली। सोमवार को काफी तादाद में बच्चे स्कूल में पहुंचे। हालांकि इस दौरान कई विद्यालयों में सरकार के दिशा निर्देश का अनुपालन नहीं दिखा। कई विद्यालयों में विभागीय निर्देशों के पालन से एक कदम आगे व्यवस्था देखने को मिली। कई ऐसे भी विद्यालय मिला। जहां विभागीय गाइडलाइन के बावजूद भी कई विद्यालयों में संचालकों व विद्यालय प्रबंधक द्वारा कोई खास व्यवस्था नहीं देखी गई।

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