चंद्रमा की किरणों की तरह बनें स्वयंसेवक

बांका। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बुधवार की देर शाम शरद पूर्णिमा उत्सव का आयोजन किया। शहर में विजयनगर नगर भवन और भयहरण स्थान में उत्सव मनाकर स्वयंसेवकों ने प्रसाद के तौर पर खीर ग्रहण किया। इस मौके पर बौद्धिक का भी आयोजन हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 09:15 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 09:15 PM (IST)
चंद्रमा की किरणों की तरह बनें स्वयंसेवक
चंद्रमा की किरणों की तरह बनें स्वयंसेवक

बांका। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बुधवार की देर शाम शरद पूर्णिमा उत्सव का आयोजन किया। शहर में विजयनगर, नगर भवन और भयहरण स्थान में उत्सव मनाकर स्वयंसेवकों ने प्रसाद के तौर पर खीर ग्रहण किया। इस मौके पर बौद्धिक का भी आयोजन हुआ।

विजयनगर के बौद्धिक में जिला कार्यवाह दिलीप चौधरी ने कहा कि शरद पूर्णिमा की चांदनी से अमृत वर्षा होती है। चंद्रमा के धरती से नजदीक आने से इसका कई औषधीय गुण धरती के लोगों को लाभ देता है। स्वंयसेवक साल के छह प्रमुख उत्सवों में इसका आयोजन भी करता है। स्वयंसेवक देश की हर समस्या के समाधान का ताकत रखता है। उन्हें चांद कि किरणों से सीख लेकर देश दुनिया पर अमृत का सुख बरसाने की जरूरत है। इस मौके पर खुले आसमान में स्वयं सेवकों ने एकत्रित होकर खीर का प्रसाद बनाया और इसे ग्रहण किया। इस मौके पर चंद्रशेखर झा, भाष्कर झा, चंदन कुमार, शिवकमल आर्य, प्रशांत कुमार, विश्वनाथ प्रसाद सहित बड़ी संख्या स्वयंसेवक मौजूद थे।

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शरद पूर्णिमा पर सकारात्मक शक्तियां शरीर में होती हैं समाहित

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जाटी, बाराहाट/ कटोरिया बांका:

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने माधव संयुक्त विद्यार्थी शाखा आनंद ग्राम भंगा में बुधवार को शरद पूर्णिमा पूजनोत्सव मनाया। जिला कार्यवाह ऋषि कुमार ने बताया कि शरद पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर खीर तैयार कर उसे ओस में रखा गया था। जिसका भोग माता लक्ष्मी को लगाते हुए चंद्रमा व इंद्र देव की भी पूजा अर्चना की गई।

मान्यता है कि शरद पूर्णिमा में माता लक्ष्मी देवराज इंद्र के साथ ऐरावत हाथी पर सवार होकर पृथ्वी लोक का भ्रमण करती है। जो भक्त माता का जागरण का भोग लगाता है उस पर कृपा की बारिश होती है। ऐसा मानना है कि शरद पूर्णिमा पर ओस की बूंदें अमृत बरसाती हैं। जिसके सेवन से नाकारात्मक शक्तियों का अंत और साकारात्म शक्ति आत्मा में समाहित होती है। इस मौके पर खंड कार्यवाह गौतम कुमार, चंदन कुमार, दशरथ पंडित, अवधेश कुमार, सुमन कुमार, रामानंद कुमार, फुल्टुस ठाकुर, उत्तम कुमार, अंकित, मनीष, विक्रम व प्रीतम सहित दर्जनों स्वयंसेवक मौजूद थे। कटोरिया: कटोरिया बाजार के ठाकुरबाड़ी मंदिर सहित जमदाहा स्थित पतित पावन राधा-कृष्ण ठाकुरबाड़ी मंदिर, पहाड़ी शिव मंदिर, सुड़ियाझाझा शिव मंदिर, बाघेश्वरनाथ शिव मंदिर परिसर देर सुबह तक श्रद्धालुओं की भीड़ से पटा रहा। श्रद्धालुओं ने जगह-जगह भगवान सत्यनारायण की पूजा अर्चना की। बताया जाता है कि माताएं अपनी संतान की मंगल कामना के लिए देवी-देवताओं की पूजा अर्चना करती हैं।

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