जैनियों ने तीर्थकरों की प्रतिमा का किया जलाभिषेक

बांका। जैन तीर्थ स्थली मंदारगिरी में जैन मतावलंबियों का चल रहा महापर्व पर्युषण के सातवें दिन गुरुवार को उत्तम तप धर्म की आराधना की गई।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Sep 2018 10:21 PM (IST) Updated:Thu, 20 Sep 2018 10:21 PM (IST)
जैनियों ने तीर्थकरों की प्रतिमा का किया जलाभिषेक
जैनियों ने तीर्थकरों की प्रतिमा का किया जलाभिषेक

बांका। जैन तीर्थ स्थली मंदारगिरी में जैन मतावलंबियों का चल रहा महापर्व पर्युषण के सातवें दिन गुरुवार को उत्तम तप धर्म की आराधना की गई। सभी श्रद्धालु भगवान की भक्ति में आत्मकल्याण के लिए प्रार्थना किया। उत्तम तप धर्म में मंगलाष्टक, अभिषेक पाठ, विनय पाठ, महामंत्र का उच्चारण के बाद भगवान वासुपूज्य का मस्तकाभिषेक, नवरत्न प्रतिमा जी व अन्य जैन तीर्थंकरों के प्रतिमा का जलाभिषेक किया। जैन भक्तों ने 12वें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य प्रतिमा के समक्ष अनेक प्रकार के अष्ट द्रव्य का अ‌र्घ्य अर्पित किया। उत्तम तप की जानकारी देते हुए क्षेत्र प्रबंधक पवन कुमार जैन ने कहा कि तप का मतलब सिर्फ उपवास-व्रत करना ही नहीं बल्कि तप का असली मतलब है इन सब क्रिया के साथ अपनी इच्छाओं को वश में रखना। ऐसा तप अच्छे गुणवान कर्मों में वृद्धि करते हैं। तप साधना से दुष्कृत कर्मों का क्षय होता है। इसलिए जैन धर्म में कहा गया है कि तप धर्म अत्यंत महत्वशाली है। वहीं, संध्या मंगल महाआरती व भजन का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पटना से विपिन जैन, राकेश जैन, उपेंद्र जैन, अनिल जैन, शिल्पी जैन, चंदा जैन, सोमेश जैन, पंकज जैन सहित काफी संख्या में जैन श्रद्धालु मौजूद थे। 23 सितम्बर को आयोजित होने वाले भगवान वासुपूज्य निर्वाण महोत्सव की तैयारी में रंग-रोगन, साज-सज्जा, पंडाल निर्माण आदि कार्य किया जा रहा है।

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