जमदाहा बाजार में 102 वर्षों से हो रही है चैती दुर्गा की पूजा

बांका। जमदाहा बाजार में विगत एक सौ दो वर्षों से चैती दुर्गा की पूजा पूरे विधि-विधान से पूजा की जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 10:09 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 10:09 PM (IST)
जमदाहा बाजार में 102 वर्षों से हो रही है चैती दुर्गा की पूजा
जमदाहा बाजार में 102 वर्षों से हो रही है चैती दुर्गा की पूजा

बांका। जमदाहा बाजार में विगत एक सौ दो वर्षों से चैती दुर्गा की पूजा पूरे विधि-विधान से पूजा की जा रही है। प्रत्येक वर्ष कारीगरों के द्वारा मां दुर्गा की आकर्षक प्रतिमा का निर्माण कर स्थापना की जाती है। श्री श्री 108 पतित-पावन राधा कृष्ण ठाकुरबाड़ी मंदिर परिसर के पास चैती दुर्गा मंदिर का शक्ति पीठ के रूप ख्याति है। यहां मन्नतें पूरी होने पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता का पूजन करते हैं।

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मंदिर का इतिहास

इस मंदिर की स्थापना करीब एक सौ वर्ष पहले ठाकुरबाड़ी के राजा रघुनंदन प्रसाद सिंह ने की थी। इसके बाद जमदाहा निवासी रामकृष्ण चौधरी व गांव के भक्तों द्वारा मां की पूजा-अर्चना की जा रही है। मां दुर्गा की प्रतिमा में मुकुट, बिदी, गले का हार सहित आभूषण सोने की है। सप्तमी के दिन ही कलश व मूर्ति की स्थापना की परंपरा है। पंडित किशोर झा, विनय झा द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण कर अनुष्ठान किया जा रहा है।

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कहते हैं भक्त :

जमदाहा बाजार के मां दुर्गा मंदिर में सप्तमी, अष्टमी, संधि पूजा व नवमीं चारों दिन मन्नतें पूरी होने पर भक्तों द्वारा प्रसाद चढ़ायी जाती है। शक्ति पीठ के रूप में विख्यात मंदिर में नवमी व दशमी को भक्तों की भारी भीड़ माता के दर्शन हेतु एकत्र होती है। दशमीं को विसर्जन के दौरान केला, दूध और चूड़ा से बना महाप्रसाद का वितरण किया जाता है। रामकृष्ण चौधरी, शंभू चौधरी, सीताराम राय, कार्तिक चौधरी, गणेश चौधरी, ओमप्रकाश साह, भैरो, त्रिभुवन चौधरी, शंकर चौधरी, भगवान शाह, लक्ष्मण राय, श्यामसुंदर जायसवाल श्रद्धा के साथ पूजा का आयोजन किया गया है।

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