राशि गटकने के लिए छपवाया फर्जी किराना स्टोर का पर्ची व कैशमेमो बिल

बांका। कोविड- 19 की जंग से लड़ने के लिए प्रखंड में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में खर्च के नाम पर लाखों रूपये राशि बंदरबांट का मामला सामने आते ही प्रशासनिक महकमे में हलचल मच गई है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 10:42 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 10:42 PM (IST)
राशि गटकने के लिए छपवाया फर्जी किराना स्टोर का पर्ची व कैशमेमो बिल
राशि गटकने के लिए छपवाया फर्जी किराना स्टोर का पर्ची व कैशमेमो बिल

बांका। कोविड- 19 की जंग से लड़ने के लिए प्रखंड में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में खर्च के नाम पर लाखों रूपये राशि बंदरबांट का मामला सामने आते ही प्रशासनिक महकमे में हलचल मच गई है। प्रखंड सह अंचल कार्यालय के अलावा बाजार में यह मामला चर्चा का विषय रहा। मामला उजागर होते ही परत दर परत पोल खुलने लगी है। चर्चा है कि जिन फर्जी दुकान और बिल को दिखाकर राशि की निकासी हुई है। यह पदाधिकारियों की सोची समझी चाल है। एक भी दुकान शंभूगंज एवं मिर्जापुर बाजार में नहीं है। कोरोना काल में क्वारंटाइन सेंटर चलाने के लिए अंचल कार्यालय के बिचौलियों अथवा पदाधिकारियों के करीबियों द्वारा अस्थाई रूप से सभी स्टोर खोली गई थी। यदि उच्चस्तरीय जांच हो जाए तो कई पदाधिकारी एवं कुछ सफेदपोशों के चेहरे बेनकाब हो जाएंगे। ज्ञात हो कि रामचुआ गांव के आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार सिंह ने सूचना के अधिकार का उपयोग कर क्वारंटाइन सेंटर चलाने के नाम पर व्यापक पैमाने पर हुए गड़बड़झाला का मामला उजागर किया है। राजकुमार ने कहा कि यदि उच्च स्तरीय जांच नहीं की जाती है तो न्यायालय का दरबाजा खटखटाने से भी बाज नहीं आएंगे। बताया कि क्वारंटाइन सेंटर पर प्रवासी कामगारों के सामने फांकाकसी की समस्या उत्पन्न थी , लेकिन अंचल नाजीर द्वारा उपलब्ध कराए गए सूचना में लाखों रुपये की राशि कामगारों को सिर्फ दूध पिलाने के नाम पर खर्च किया है। इसके अलावा वस्त्र, बर्तन, राशन के बिल में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। इस बाबत सीओ अशोक कुमार सिंह से पूछने पर बताया कि तत्कालीन सीओ परमजीत सिरमौर के समय में नजारत कार्यालय में बिल जमा की गई है।

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