समूह में बकरी और मधुमक्खी पालकर महिलाएं हो रहीं समृद्ध
बांका। बांका की महिला किसान समूह के माध्यम से खेती किसानी कर आगे बढ़ रहीं है। इन किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से बायोटेक किसान हब परियोजना के तहत मदद भी दी जा रही है। ये बातें केविके के वरीय विज्ञानी मुनेश्वर प्रसाद ने कही।
बांका। बांका की महिला किसान समूह के माध्यम से खेती किसानी कर आगे बढ़ रहीं है। इन किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से बायोटेक किसान हब परियोजना के तहत मदद भी दी जा रही है। ये बातें केविके के वरीय विज्ञानी मुनेश्वर प्रसाद ने कही।
वे अमृत महोत्सव के मौके पर केविके में गुरुवार को आयोजित किसान मिलन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बायोटेक किसान हब परियोजना के तहत बांका के चुटिया, झिरवा सन्हौला एवं ककवारा गांव में कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इस परियोजना के माध्यम से बढ़ावा दिया जा रहा है। इन गांवों की महिलाएं समूह बनाकर बकरी पालन, मशरूम उत्पादन एवं मधुमक्खी पालन कर अपनी आमदनी को बढ़ा रहीं है।
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अच्छी नक्ल की बकरी का करें पालन
पशु विज्ञानी धमेंद्र कुमार ने बकरी पालन में नस्ल सुधार की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यदि अच्छी नस्ल की बकरी रखेंगे तो समान लागत और मेहनत में अधिक आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए किसानों को समय समय पर प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
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फसल प्रबंधन की भी मिली जानकारी
सस्य विज्ञानी डा. रघुवर साहू ने आगामी रबी फसलों के लिए उन्नत प्रभेद का बीज का चयन खरपतवार नाशी और रबी फसल प्रबंधन के बारे में विस्तार से बताया। मृदा विज्ञानी संजय कुमार मंडल ने रबी फसलों में कीट से बचाव के बारे में बताया। उन्होंने मिट्टी की जांच के फायदे भी बताए। ताकि मृदा स्वास्थ्य की जांच कार्ड उपलब्ध कराया जा सके। मंच का संचालन जुबुली साहू ने किया। इस दौरान किसानों ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के संबोधन को भी सुना।