रेशम से समृद्धि की कहानी लिख रहे पहाड़ी किसान

बांका। पहाड़ी इलाकों की बंजर भूमि पर लगे अर्जुन वन से अब इलाके का मंजर बदलने लगा है। जिला के डेढ़ हजार पहाड़ी किसान अर्जुन वन पर रेशम उत्पादन कर समृद्धि की कहानी लिख रहे हैं। अभी खरीफ सीजन का रेशम कीट पेड़ पर चढ़ाने का काम चल रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Jul 2020 10:29 PM (IST) Updated:Fri, 03 Jul 2020 06:12 AM (IST)
रेशम से समृद्धि की कहानी लिख रहे पहाड़ी किसान
रेशम से समृद्धि की कहानी लिख रहे पहाड़ी किसान

बांका। पहाड़ी इलाकों की बंजर भूमि पर लगे अर्जुन वन से अब इलाके का मंजर बदलने लगा है। जिला के डेढ़ हजार पहाड़ी किसान अर्जुन वन पर रेशम उत्पादन कर समृद्धि की कहानी लिख रहे हैं। अभी खरीफ सीजन का रेशम कीट पेड़ पर चढ़ाने का काम चल रहा है।

अर्जुन के साथ अन्य जंगली पेड़ों पर रेशम कीट का शोर जंगल और पहाड़ का सन्नाटा चीरने लगा है। किसान सावधानी पूर्वक अंडा से तैयार हरा रेशम कीट पेड़ों पर चढ़ा रहे हैं। जंगल में रेशम की फसल देख किसानों का चेहरा अभी चमकने लगा है। किसान संतोष सिंह, शंकर यादव, सुनील हेम्ब्रम आदि ने बताया कि अबकी अच्छी बारिश के कारण वनों में हरियाली ज्यादा है। ऐसे में रेशम कीट को चारा के रूप में भरपूर हरा पत्ता मिल रहा है। वह जितना पत्ता खाएगा, रेशम का कोकून उतना ही अधिक दुरुस्त होगा। अगले महीने फसल तैयार होने पर अगस्त में इसकी खरीद थोक व्यापारी करते हैं। इसक लिए व्यापारी घर तक पहुंच जाते हैं।

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लीलावरण केंद्र पर डीएफएल खरीदने का लगा मेला

कटोरिया के लीलावरण रेशम कीट पर अभी रेशम कीट खरीदने का मेला लगा है। केंद्र के कर्मी ने बताया इस बार दो लाख डीएफएल तैयार किया गया है। किसानों को सौ डीएफएल 14 सौ रुपये की दर से दिया जा रहा है। एक डीएफएल में दो सौ से अधिक अंडा रहता है। इससे कीट निकल कर अर्जुन वन पर कोकून तैयार करता है। इस केंद्र पर अभी चांदन, कटोरिया और बौंसी प्रखंड के किसानों को रेशम कीट दिया जा रहा है। साथ ही यह केंद्र बंगाल, उड़ीसा और झारखंड तक को रेशम कीट पालन के लिए उपलब्ध कराता है।

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अबकी 200 एकड़ में लगेगा अर्जुन वन

जिला प्रशासन ने रेशम कीट पालन की संभावना को देख अबकी मानसून सीजन में बंजर भूमि पर मनरेगा योजना से अर्जुन पेड़ लगाने की योजना बनाई है। इसके लिए 200 एकड़ जमीन को चिह्नित किया गया है। उपरचक मढि़या, कोल्हासार, हीरना और मुरलीकेन इलाके में यह वन लगना है। स्वंय सहायता समूह के माध्यम से जोड़कर इसका रोपन होगा। मालूम हो कि कटोरिया का अधिकांश अर्जुन वन पहले प्रदान संस्था के माध्यम से किसानों ने लगाया है। इसे देखने धनकुबेर बिल गेट्स तक का आगमन इन वनों में हो सका है।

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कोट

रेशम उत्पादन जिला के कई हिस्सों में पहले से हो रहा है। बीज केंद्र स्थापित होने के बाद किसानों की संख्या बढ़ी है। रेशम कीट पालन को बढ़ावा देने के लिए प्रशासनिक स्तर से बंजर भूमि वाले इन इलाकों में 200 एकड़ नया अर्जुन वन मनरेगा योजना से लगवाया जाएगा। इसका काम शुरू हो गया है।

सुहर्ष भगत, जिलाधिकारी, बांका

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