आत्मविश्वास और मनोबल से कोरोना को दे रहे मात

बांका। जिले में आत्मविश्वास और मनोबल से लोग कोरोना को मात दे रहे हैं। कुछ ने घर में ही रहकर इसे मात दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 10:15 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 10:15 PM (IST)
आत्मविश्वास और मनोबल से कोरोना को दे रहे मात
आत्मविश्वास और मनोबल से कोरोना को दे रहे मात

बांका। जिले में आत्मविश्वास और मनोबल से लोग कोरोना को मात दे रहे हैं। कुछ ने घर में ही रहकर इसे मात दिया है। शिक्षक संघ की प्रदेश उप सचिव सुप्रिया सिंह ने कहा कि कोरोना हारा भले ही है, लेकिन भागा अब तक नहीं है। इसलिए सभी को सतर्क और मास्क पहनकर रहना चाहिए।

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आत्मबल से कोरोना को हराया

संसू, रजौन बांका: प्रखंड के नवादा बाजार की सुप्रिया सिंह ने कहा कि उन्होंने भागलपुर स्थित घर में रहकर कोरोना को हराया है। पिता के इलाज के क्रम में संक्रमण की शिकार हुई शिक्षक संघ की प्रदेश उपसचिव सुप्रिया सिंह ने कहा कि संक्रमित होने के बाद वे घर में ही आइसोलेट हो गयी। डॉक्टरों के उपचार व आत्मबल व मनोबल से कोरोना को हराने में सफल रहीं। कहा कि लोगों को ऐसी परिस्थिति में घबराना नहीं चाहिए। धैर्य से काम लेना चाहिए। इस क्रम में सगे संबंधियों ने भी हौसले को बढ़ाया। जिसकी बदौलत वे 15 दिनों में ठीक हो गयी।

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घर में रहकर दी कोरोना को मात

संसू, बांका: स्थानीय होटल आरआर ग्रांड के मालिक आशीष कुमार ने बताया कि दस दिनों तक घर में रहकर ही कोरोना को मात दिया। कोरोना का लक्षण आने पर वे होम आइसोलेट हो गए। इस क्रम में अपने परिवार के दिल्ली में रहनेवाले एक चिकित्सक से दवा की सलाह लेते रहे। नियमित रूप से दवा का सेवन करने व खान पान से कोरोना को मात दे दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना होने पर कभी भी लोगों को घबराना नहीं चाहिए। साहस से रहना चाहिए।

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हिम्मत नहीं हारी

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संवाद सूत्र, कटोरिया (बांका) : बाघमारी गांव निवासी सुनील कुमार यादव का ऑक्सीजन लेबल घट जाने से उसके परिवार के लोग चितित होने लगे थे। उसके गिरते स्वास्थ्य को देखकर स्वजनों ने डॉ. संजय प्रवीण के अस्पताल में भर्ती कराया। 11 दिनों तक अस्पताल में नियमित रूप से इलाज पर रहने के बाद वह बिल्कुल स्वस्थ्य हो गए। सुनील ने कहा कि सर्दी, खांसी के साथ उसे बुखार हो गया था। उसने रेफरल अस्पताल में जाकर जांच करायी। रिपोर्ट पॉजिटिव आ जाने पर डॉक्टर से दवा लेकर होम आइसोलेट हो गए, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। नियमित रूप से दवा सेवन करने के बाद, योग करते हुए ठीक हुए।

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धैर्य की जरूरत है: बीडीओ

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संवाद सूत्र, शंभूगंज (बांका): विपरीत समय में मनुष्य को धैर्य नहीं खोना चाहिए, बल्कि परिस्थिति का मजबूती से सामना करना चाहिए। कोरोना संक्रमण को मात देने के बाद बीडीओ प्रभात रंजन ने अपनी बातों को साझा किया। पिछले वर्ष कोरोना के शुरुआती दौर में बीडीओ प्रभात रंजन पॉजिटिव हुए थे। इसके बाद घर में क्वारंटाइन हो गए। चिकित्सक द्वारा दी गई दवा का सेवन किया। इसके साथ नियमित गर्म पानी और तुलसी काढ़ा पीना शुरू कर दिया। इस बीच मोबाइल से ही अपने कार्यालय का संचालन करते रहे और समय-समय पर कर्मियों को निर्देशित भी करते रहे। पॉजिटिव होने के बाद कभी भी मन में संक्रमण का भय नहीं लाया और आत्मसंयम को बरकरार रखा।

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