कोरोना से अधिक बूथ बढ़ने से नेताओं को टेंशन
बांका। जिले के पांच विधानसभा क्षेत्रों में इस बार 554 मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ी है। इस कारण नेताओं को कोरोना संक्रमण से अधिक बूथों की संख्या बढ़ने से टेंशन है।
बांका। जिले के पांच विधानसभा क्षेत्रों में इस बार 554 मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ी है। इस कारण नेताओं को कोरोना संक्रमण से अधिक बूथों की संख्या बढ़ने से टेंशन है। कई नेताओं ने कहा कि बूथ बढ़ने से चुनाव में चार से पांच लाख रुपये का अतिरिक्त खर्च का बोझ प्रति उम्मीदवार होगा।
कोरोना संक्रमण के कारण शारीरिक दूरी का पालन करते हुए 1491 की जगह बूथों की संख्या 2045 कर दी गई है। इसमें 554 सहायक मतदान केंद्र शामिल है। इस कारण उम्मीदवारों का बूथों पर बैठने वाले पोलिग एजेंट से लेकर प्रशासन को भी आर्थिक बोझ पड़ेगा। इसमें पीठासीन पदाधिकारी से लेकर पी-वन से लेकर अन्य कर्मियों का खर्च शामिल है।
पिछले चुनाव में प्रशासन ने पांच से सात करोड़ रुपये खर्च किया था। इस बार यह राशि दोगुना बढ़ने का प्रस्ताव प्रशासन द्वारा दिया जा रहा है। इसमें कर्मियों के अलावा मास्क, ग्लब्स व सैनिटाइजर पर अतिरिक्त खर्च आने की उम्मीद है। एक जनप्रतिनिधि ने बताया कि पिछले चुनाव में प्रति बूथ पोलिंग एजेंट पर चार से पांच हजार रुपये खर्च आया था। इस कारण एक विधान सभा क्षेत्र में दस से बारह लाख रुपये केवल पोलिंग एजेंट पर खर्च किया गया था, जबकि इसका कोई हिसाब भी आयोग को नहीं दिया जाता है। इस बार बूथ की संख्या बढ़ने से अतिरिक्त खर्च होने की संभावना पर नेताओं को कोरोना से अधिक इसकी चिता है।
2015 के विधानसभा चुनाव में सभी पांचों विधानसभा क्षेत्र में दलीय व निर्दलीय मिलाकर 53 उम्मीदवारों की संख्या थी। इसमें बांका व बेलहर विधानसभा क्षेत्र से 11-11, अमरपुर से 14, कटोरिया से नौ एवं धोरैया से सबसे कम आठ उम्मीदवार शामिल थे। वैसे, जीत हार का फासला एनडीए व महागठबंधन के उम्मीदवारों के बीच हुआ था। पर कुछ विधानसभा क्षेत्रों में दूसरे दलों के उम्मीदवारों ने भी ठीक ठाक खर्च किए थे।
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विधानसभा का नाम- वर्ष 2015 में बूथ की संख्या- 2020 में बूथ की संख्या
बांका विधानसभा- 267 - 367
अमरपुर विधानसभा- 308- 434
कटोरिया विधानसभा- 261- 368
बेलहर विधानसभा- 329- 442
धोरैया विधानसभा- 326- 434