गलाघोंटू व लंगड़ी बुखार से बचाव के लिए आज से चलेगा टीकाकरण अभियान

बांका। जिले के पशुओं को गलाघोंटू और लंगड़ी बुखार से बचाने के लिए रविवार से पूरे जिले में टीकाकरण अभिय

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 08:59 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 08:59 PM (IST)
गलाघोंटू व लंगड़ी बुखार से बचाव के लिए आज से चलेगा टीकाकरण अभियान
गलाघोंटू व लंगड़ी बुखार से बचाव के लिए आज से चलेगा टीकाकरण अभियान

बांका। जिले के पशुओं को गलाघोंटू और लंगड़ी बुखार से बचाने के लिए रविवार से पूरे जिले में टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान को सफल बनाने के लिए शनिवार को जिला पशुपालन पदाधिकारी डा. राणा दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में सभी चिकित्सा पदाधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई। अभियान के तहत सात लाख एक हजार सात सौ पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा।

जिला पशुपालन पदाधिकारी ने बताया कि बारिश के मौसम में पशुओं में गलाघोंटू और लंगड़ी बुखार होने की संभावना ज्यादा होती है। इसके बचाव के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। यह टीकाकरण निजी टीकाकर्मियों द्वारा मुफ्त में दिया जाएगा। इसके सफल संचालन के लिए सभी प्रखंडों में नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया गया है। इसके निगरानी के लिए जिला स्तर पर डा. अखिलेश कुमार को नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया है। कहा कि इसके लिए जिले को सात लाख एक हजार सात सौ वैक्सीन आवंटित किया गया है।

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जिले में साढ़े छह लाख पशुओं की हुई है टैगिग

लगभग आठ लाख 30 हजार पशुओं में साढ़े छह लाख पशुओं की टैगिग हुई है। इस बार बिना टैगिग वाले पशुओं का टीकाकरण नहीं किया जाएगा। इसके लिए पशुपालन विभाग द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। जिन पशुओं की टैगिग नहीं हुई है वैसे किसान वैक्सीनेशन से पहले अपने पशुओं का टैगिग करा सकेंगे।

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क्या है गलाघोंटू बीमारी

गलाघोंटू एक घातक और संक्रामक बीमारी है। जो ज्यादातर बरसात के मौसम में ही पशुओं को अपनी चपेट में लेता हे। इसमें पशुओं को तेज बुखार, मुंह पर सुजन, मुंह से लान निकलना, पशु द्वारा जीभ निकालकर सांस लोना आदि इस बीमारी के मुख्य लक्षण है। यह रोग भैंसों में अधिक होता है। लंगड़ी बुखार दस माह से दो साल तक के पशुओं को सबसे अधिक प्रभावित करता है। पशुओं को तेज बुखार, जांघों के ऊपर, कंघों या गर्दन पर दर्द एवं सूजन होना इस बीमारी का मुख्य लक्षण है।

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