बच्ची की मौत के बाद गांव पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम

बांका। प्रखंड क्षेत्र में डायरिया का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है। बीते 17 अक्टूबर को आजमतुल्ला गांव में डायरिया से एक बालक सहित दो की मौत हो गई थी। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासनिक महकमा ने गांव पहुंचकर उपलब्ध व्यवस्था का जायजा लिया था।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 09:30 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 09:30 PM (IST)
बच्ची की मौत के बाद गांव पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम
बच्ची की मौत के बाद गांव पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम

बांका। प्रखंड क्षेत्र में डायरिया का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है। बीते 17 अक्टूबर को आजमतुल्ला गांव में डायरिया से एक बालक सहित दो की मौत हो गई थी। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासनिक महकमा ने गांव पहुंचकर उपलब्ध व्यवस्था का जायजा लिया था।

सोमवार को खैरा पंचायत के बड़ी बखड्डा गांव में पेरू तांती की आठ वर्षीय पुत्री राधिका कुमारी की मौत डायरिया से होने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है। इस गांव में बच्चे की मौत होने पर एक अन्य युवक को स्वास्थ्य विभाग की टीम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया है। युवक की स्थिति ज्यादा खराब होने की वजह से डाक्टरों ने मायागंज अस्पताल भागलपुर रेफर किया है। डा. संजय सिंह के नेतृत्व में गांव पहुंचकर लोगों के बीच ओआरएस एवं दवाइयां वितरित की। साथ ही नालों में ब्लीचिग पाउडर का छिड़काव किया। डा. संजय सिंह ने बताया कि पानी निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं है, जिसके चलते नाले के पानी से जल स्त्रोत दूषित हो रहे हैं। दूषित पानी पीने से लोगों में डायरिया बीमारी फैली है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में मुख्यमंत्री नल जल योजना की सुविधा है, मगर इस योजना से सिर्फ आधा दर्जन घरों में ही पानी उपलब्ध हो पा रहा है। गांव में पानी नहीं मिलने का कारण घटिया क्वालिटी का पाइपलाइन का होना है।

-----------------

पानी उबालकर पीएं, बासी भोजन से करें परहेज: चिकित्सक

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी डा. ब्रजेश कुमार ने डायरिया की रोकथाम के लिए लोगों को जानकारी मुहैया कराई है। कहा कि खाना खाने के पहले एवं बाद में अच्छी तरह से हाथ धोएं, पानी को उबालकर पीएं। ताजे एवं गर्म खाना खाएं, बासी भोजन का कदापि प्रयोग ना करें। अपने घर के आस-पास गंदगी एवं गंदा पानी जमा ना होने दें। गंदा पानी जमा होने से पेयजल स्त्रोत दूषित होंगे। खुले में मल मूत्र का त्याग ना करें। अगर डायरिया से कोई व्यक्ति पीड़ित हैं तो उन्हें ओआरएस का घोल बनाकर लगातार दें, जिससे उनके शरीर की पानी बरकरार रहे। स्वास्थ्य ज्यादा खराब होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर आये तथा डाक्टर की अवश्य लें। बिना डाक्टर की सलाह से दवाई का प्रयोग न करें।

chat bot
आपका साथी