ओडिएफ घोषित होने के बाद भी नहीं कर रहे शौचालय का उपयोग

सुधांशु कुमार बांका स्वछ भारत मिशन के तहत शहर से लेकर गांवों में शौचालय का निर्माण कराया गया है। शौचालय के निर्माण के लिए लोगों को 12 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी गई। इससे लगभग सभी घरों में शौचालय का निर्माण हो गया। जिन लोगों को शौचालय निर्माण के लिए अपनी जमीन नहीं थी। वैसे लोगों को चिन्हित कर वहां पर सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 09:42 PM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 09:42 PM (IST)
ओडिएफ घोषित होने के बाद भी नहीं कर रहे शौचालय का उपयोग
ओडिएफ घोषित होने के बाद भी नहीं कर रहे शौचालय का उपयोग

अभियान

- कहीं लटका ताला तो कहीं पानी की समस्या से हो रही परेशानी

- जागरूकता के अभाव में आज भी खुले में शौच जा रहे गांवों में लोग

फोटो: 24बीएन 11,12

सुधांशु कुमार, बांका : स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर से लेकर गांवों में शौचालय का निर्माण कराया गया है। शौचालय के निर्माण के लिए लोगों को 12 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी गई। इससे लगभग सभी घरों में शौचालय का निर्माण हो गया। जिन लोगों को शौचालय निर्माण के लिए अपनी जमीन नहीं थी। वैसे लोगों को चिन्हित कर वहां पर सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया। ताकि लोग खुले में शौच नहीं जाए, लेकिन आज भी काफी संख्या में लोग खुले में शौच जा रहे हैं।

इसका असर स्वच्छता रैकिग में भी देखने को मिला है। केंद्र सरकार की ओर से जारी की गई स्वच्छता रैंकिग में बांका का प्रदर्शन काफी खराब रहा। इस बार देश भर में बांका का स्थान 478 वां है। वहीं इस्ट जोन में 63 वां रैंकिग है। जबकि पिछले साल इस्ट जोन में बांका की रैंकिग 23 थी।

--------

शहर के सार्वजनिक शौचालय में लटके ताले

शहर में राहगीरों को किसी भी तरह की परेशानी न हो इसके लिए पुरानी बस स्टैंड, कटोरिया बस स्टैंड, एसडीओ कार्यालय सहित अन्य सार्वजनिक जगहों पर सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया गया है। लेकिन सार्वजनिक शौचालय में बाहर से ताला लटकने एवं कहीं पानी नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

--------

सभी पंचायतों में बनाए गए हैं सामुदायिक शौचालय

सरकार द्वारा लोगों को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए निजी शौचालय के निर्माण पर प्रोत्साहन राशि देने के साथ ही जिन लोगों को शौचालय निर्माण के लिए अपनी जमीन नहीं थी। वैसे लोगों के लिए सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया। ताकि लोग खुले में शौच नहीं जाए। लोगों को शौचालय के उपयोग के लिए जनप्रतिनधियों एवं नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूक किया गया। इसके बाद भी गांव में काफी संख्या में लोग खुले में शौच जाते हैं।

----------

केस 1.

एसडीओ कार्यालय में बने सार्वजनिक शौचालय पिछले कोरोना काल से ही बंद पड़ा है। इससे यहां आने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है। खास कर महिलाओं को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है।

---------

केस 2.

कटोरिया बस स्टैंड स्थित सार्वजनिक शौचालय में पिछले 15 दिनों से मोटर जलने के कारण यहां पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है। पानी की कमी के कारण शौचालय की सफाई सही से नहीं हो पाती है। इससे लोगों को परेशानी होती है।

-------

केस 3.

पुरानी बस स्टैंड स्थित सार्वजनिक शौचालय में काफी दिनों से ताला लगा है। बस पकड़ने के लिए आने वाले राहगीरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सबसे अधिक परेशानी महिला यात्री को होती है।

-------

केस 4.

कचहरी से समीप चार माड्यूलर शौचालय लगाए गए है। इसकी सफाई भी नियमित तौर पर कराई जाती है। यहां पानी की भी सुविधा दी गई है। लेकिन इसके बाद भी अधिकांश लोग शौचालय का उपयोग नहीं करते है।

---------------

कोट

कटोरिया बस स्टैंड स्थित सार्वजनिक शौचालय में पानी के लिए लगे मोटर जलने की कोई सूचना नहीं है। पुरानी बस स्टैंड में बना सार्वजनिक शौचालय को मरम्मत करने की आवश्यकता है। इसके एनओसी के लिए भेजा गया है। एनओसी मिलते ही यहां कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।

भवेश कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद, बांका

---------

मैं भी स्वच्छता प्रहरी

फोटो 24बीएन 20

शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए नगर परिषद के साथ ही लोगों की सहयोग की आवश्यकता है। इसके लिए हम सभी को मिलकर कार्य करना होगा। मैं अपने घर के साथ-साथ जेल में बंद बंदियों को गीला एवं सूखा कचरा अलग-अलग रखने के लिए प्रेरित करता हू। इसके साथ ही सभी बंदियों को अपने आसपास के क्षेत्र को स्वच्छ और सुंदर रखने के लिए प्रेरित करता हूं।

एनके प्रभात, उपाधीक्षक मंडल कारा बांका

chat bot
आपका साथी