छह वर्षो से नहीं बना स्वास्थ्य केंद्र का भवन

बांका। स्वास्थ्य सेवा के लिए बाराहाट में भागलपुर-हंसडीहा एवं बाराहाट-गोड्डा एनएच के बीच प्राथमिक स्वास्थ्य स्थापित है। यहां सड़क दुर्घटना में घायलों की संख्या अधिक इलाज के लिए आते हैं। पर चिकित्सकों की कमी के कारण रेफर केंद्र बनकर रह गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 10:29 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 10:29 PM (IST)
छह वर्षो से नहीं बना स्वास्थ्य केंद्र का भवन
छह वर्षो से नहीं बना स्वास्थ्य केंद्र का भवन

बांका। स्वास्थ्य सेवा के लिए बाराहाट में भागलपुर-हंसडीहा एवं बाराहाट-गोड्डा एनएच के बीच प्राथमिक स्वास्थ्य स्थापित है। यहां सड़क दुर्घटना में घायलों की संख्या अधिक इलाज के लिए आते हैं। पर चिकित्सकों की कमी के कारण रेफर केंद्र बनकर रह गया है। 2015 में ही 30 बेड वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अपग्रेड कर दिया गया है, लेकिन अब तक इसका भवन निर्माण कार्य पूरा नहीं होने से यहां के लोगों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की सेवा नहीं मिल रही है। 15 पंचायत वाले इस प्रखंड में 36 हजार परिवार एवं एक लाख 83 हजार लोगों का स्वास्थ्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर निर्भर है।

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किराये के मकान में चल रहे उप स्वास्थ्य केंद्र

यहां 21 उप स्वास्थ्य केंद्रों में महज आधा दर्जन उप स्वास्थ्य केंद्र को ही अपना भवन है। कई उप स्वास्थ्य केंद्रों के भवन निर्माण का कार्य जमीन उपलब्ध नहीं होने से भी अटका हुआ है। जबकि ग्रामीण इलाकों के लोगों के लिए खोले गए उप स्वास्थ्य केंद्र से लोगों की उम्मीदें जुड़ी है। लेकिन उन्हें मजबूरन इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ही जाना पड़ रहा है।

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चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों का टोटा

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों का भी टोटा है। विशेषज्ञ चिकित्सकों की भी कमी है। शिशु रोग, हड्डी रोग, नेत्र रोग, हृदय रोग सहित कई चिकित्सक सहित ड्रेसर और कंपाउंडर भी नहीं हैं। इसके अलावा यहां अल्ट्रासाउंड एवं ब्लड स्टोरेज की भी सुविधा नहीं है। दो-दो एनएच गुजरने की वजह से दुर्घटनाओं का ग्राफ काफी बढ गया है। इससे अक्सर सडक हादसों के शिकार का सही इलाज नहीं हो पाता है।

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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. निलंबर निलय की तबीयत बिगड़ जाने पर एक महीने तक प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी का पद खाली रहा। इसके बाद एक माह पूर्व डा. रश्मि सीमा को प्रभारी का कमान सौंपा गया। इसके अलावा यहां नियुक्त एएनएम को ही ड्रेसर और कंपाउंडर का काम करना पड़ रहा है।

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प्रखंड में स्वास्थ्य सुविधा:

केंद्र में महज आठ बेड की सुविधा

चिकित्सक-10

आठ एमबीएस-आठ

आयुश चिकित्सक-दो

दंत चिकित्सक - एक

एएनएम - 40

आषा कार्यकर्ता -145

ममता - आठ

ऐंबुलेंस - दो

अस्पताल प्रबंधक - एक

अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र - चार

उप स्वास्थ्य केंद्र - 21

भवन हीन उप स्वास्थ्य केंद्र - 15

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर - छह

ओटी - एक

एक्स रे मशीन - एक

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कोट..

मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के लिए दो अतिरिक्त एंबुलेंस, 11 आक्सीजन सिलेंडर, छह कंसलटेटर, डिप फ्रिजर, आइएलआर, कार्डियो मॉनिटर, पांच एसी एवं 30 बेड उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके अलावा जरूरी उपकरण व अन्य समान भी जरूरत के मुताबिक मुहैया कराये जाएंगे।

रामनारायण मंडल, विधायक, बांका

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कोट..

अस्पताल प्रबंधन की कमान महीने भर पहले ही मिली है। क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास जारी है। कोरोना संक्रमण को लेकर ग्रामीण इलाकों में भी टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है।

डा. रश्मि सीमा, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी

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