चिकित्सकों की कमी से रेफर केंद्र बनकर रह गया रजौन का सीएचसी

बांका। भागलपुर-बौंसी मुख्य मार्ग स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेफर केंद्र बनकर रह गया है। चिकित्सकों एवं कर्मियों की कमी के कारण सही रूप से मरीजों का इलाज नहीं हो पाता है। सड़क किनारे होने के कारण प्राय सड़क दुर्घटना में जख्मी लोग इलाज के लिए आते हैं। चिकित्सकों एवं दवाइयों की कमी के कारण मरीजों को भागलपुर रेफर कर दिया जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 10:00 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 10:00 PM (IST)
चिकित्सकों की कमी से रेफर केंद्र बनकर रह गया रजौन का सीएचसी
चिकित्सकों की कमी से रेफर केंद्र बनकर रह गया रजौन का सीएचसी

बांका। भागलपुर-बौंसी मुख्य मार्ग स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेफर केंद्र बनकर रह गया है। चिकित्सकों एवं कर्मियों की कमी के कारण सही रूप से मरीजों का इलाज नहीं हो पाता है। सड़क किनारे होने के कारण प्राय: सड़क दुर्घटना में जख्मी लोग इलाज के लिए आते हैं। चिकित्सकों एवं दवाइयों की कमी के कारण मरीजों को भागलपुर रेफर कर दिया जाता है। प्रखंड के 18 पंचायतों की लगभग दो लाख 70 हजार की आबादी का इलाज इसी केंद्र पर है। सबसे दुखद स्थिति सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के पास जलजमाव की है। इसके कारण यहां मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है। स्टाफ के रहने के लिए बनाए गए भवन के पास जलजमाव की समस्या है। अस्पताल में इन दिनों 110 में 80 तरह की दवाइयां उपलब्ध है। यहां लगभग डेढ़ से दो सौ मरीजों का प्रतिदिन इलाज होता है।

यह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रखंड का सबसे बड़ा एवं पुराना अस्पताल है। यहां चिकित्सकों के 13 पदों में नौ से काम चल रहा है। इससे में दो चिकित्सक शैक्षणिक अवकाश पर हैं। यद्यपि सात से काम चल रहा है। कार्यरत चिकित्सकों में एक सर्जन, दो एमबीबीएस, दो आयुष तथा दो मेन स्ट्रीम चिकित्सक कार्यरत हैं। एक्सरे मशीन की सुविधा उपलब्ध है, मगर टेक्नीशियन की कमी से बंद पड़ा हुआ है। जिससे मरीजों को एक्सरे की सुविधा नहीं मिलती है।

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जर्जर एंबुलेंस से ढोया जाता मरीजों को

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दो एंबुलेंस पुराने हैं। इस कारण जर्जर अवस्था में है। इन्हीं जर्जर एंबुलेंस से रोगियों को भागलपुर तथा अन्य जगहों पर भेजा जाता है। प्रखंड क्षेत्र में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का बोझ कम करने के उद्देश्य तीन अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र, 10 हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर तथा 12 उप स्वास्थ्य केंद्र संचालित किए जाते हैं। अधिकतर इन केंद्रों पर ताले लटकते रहते हैं। जिससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। मकरमडीह अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र चार वर्षों से निर्माणाधीन है। संवेदक द्वारा भवन को स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित नहीं किया गया है। इन स्वास्थ्य केंद्रों के बंद रहने से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मरीजों का जमावड़ा लगा रहता है।

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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध व्यवस्था

चिकित्सक का सृजित पद - 13 जिनमें रिक्त 06

वर्तमान में पदस्थापित चिकित्सक - 07

सर्जन - 01

एमबीबीएस -02 एवं 02 चिकित्सक शैक्षणिक अवकाश पर

आयुष -02

मेन स्ट्रीम - 02

एएनएम - 32, रिक्त 18

कंपाउंडर, ड्रेसर, वेंटिलेटर की संख्या - 0

लैब टेक्नीशियन - 01

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कोट :

चिकित्सकों, कर्मियों एवं संसाधनों का घोर अभाव होते हुए भी बेहतर सुविधा देने की कोशिश की जा रही है। नई एंबुलेंस खरीद के लिए सिविल सर्जन को पत्र लिखा गया है।

डा. ब्रजेश कुमार, प्रभारी, चिकित्सा पदाधिकारी

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