महिलाओं को जीने की राह दिखा रहीं दीपाली

बांका। यूको आरसेटी में पदस्थापित दीपाली सिन्हा महिलाओं को जाम जेली मशरूम पापड़ अचार आदि तैयार करने का प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वावलंबी बनाने में जुटी हैं। यूको आरसेटी में जूते चप्पल आदि बनाने का प्रशिक्षण देकर महिलाओं को कुटीर उद्योग के लिए भी प्रेरित किया जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 09:55 PM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 09:55 PM (IST)
महिलाओं को जीने की राह दिखा रहीं दीपाली
महिलाओं को जीने की राह दिखा रहीं दीपाली

बांका। यूको आरसेटी में पदस्थापित दीपाली सिन्हा महिलाओं को जाम, जेली, मशरूम, पापड़, अचार आदि तैयार करने का प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वावलंबी बनाने में जुटी हैं। यूको आरसेटी में जूते, चप्पल आदि बनाने का प्रशिक्षण देकर महिलाओं को कुटीर उद्योग के लिए भी प्रेरित किया जाता है।

इन्हें स्वरोजगार के रूप में अपनाने वाली जरूरतमंद महिलाओं को वे बैंकों से ऋण दिलवाने में भी मदद करती हैं। अबतक पांच हजार से ज्यादा महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बना चुकी हैं। उन्होंने बताया कि वे गांव की गलियों में घूमकर गरीबी को काफी करीब से देखा है। क्षेत्र की महिलाएं संगठित होकर समूह में कार्य करें तो वे बेरोजगारी को दूर कर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकती हैं। इसी सोच के साथ वे ग्रामीण जरूरतमंद महिलाओं को संगठित कर उन्हें स्वावलंबी बनाने में जुटी हैं।

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2014 से परिवार के सहयोग से शुरू की थी अभियान

दीपाली ने वर्ष 2014 में अपने घर से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाए जाने के अभियान की शुरुआत बेगूसराय जिले से की थी । इसमें उन्हें यूको आरसेटी से सहायता मिली थी। 2019 में बांका जिले में कदम पढ़ते ही उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का अभियान शुरू किया है। इससे प्रभावित माला देवी ने बताया कि दीपाली से प्रभावित होकर वह पापड़ उद्योग स्थापित की है, जबकि बांका के मीना देवी ने बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त कर वह आत्म निर्भर हुई है। वहीं, कई महिलाओं को बैंक से जोड़कर आर्थिक समस्या को दूर की है। इससे कई महिलाएं प्रभावित हुई है।

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