इंस्पायर अवार्ड में बांका के बच्चों का फिर दबदबा
बांका। बचों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए हर साल इंस्पायर अवार्ड के माध्यम से देश भर में अभियान चलता है।
बांका। बच्चों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए हर साल इंस्पायर अवार्ड के माध्यम से देश भर में अभियान चलता है। छठी से दसवीं कक्षा तक पढ़ने वाले बच्चों को वैज्ञानिक सोच प्रस्तुत करने के लिए यह मंच आर्थिक मदद भी पहुंचाता है। पिछले साल देश भर के चयनित 250 बच्चों में 30 बांका के थे। इस बार भी बांका के बच्चों ने इसके लिए तेज कदम बढ़ा दिया है।
जिला के 18 सौ बच्चे ऑनलाइन माध्यम से अपना प्रोजेक्ट प्रस्तुत कर चुके हैं। अभी इसके आवेदन में चार दिन का वक्त बाकी बचा है। बिहार के कई जिलों में आवेदक बच्चों की संख्या अभी सौ के आसपास ही है। ऐसे में बांका के 18 सौ बच्चों ने अपना प्रोजेक्ट भेज अपनी मंशा जाहिर कर दी है। चार दिनों में इसकी संख्या और बढ़ने की उम्मीद है।
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बाढ़ से सुखाड़ तक का सुझाया निदान
ऑनलाइन प्रोजेक्ट भेजने में बांका के बच्चे बाढ़ से सुखाड़ तक पर अपना विचार रख रहे हैं। बरसात के बेकार बह रहे पानी को प्रयोग करने, इसे जमीन के अंदर पहुंचाने, बिजली बनाने आदि पर विचार दिया है। इसी तरह सुखाड़ की स्थिति में खेती, पेयजल आदि की समस्या समाधान का भी विचार दिया गया है। सड़कों को मजबूत बनाने से लेकर ऊर्जा बचाने तक का उपाय बच्चों ने सुझाया है। तो ठनका से होने वाले नुकसान से बचाव का भी आइडिया प्रस्तुत किया है।
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कोट
लॉकडाउन में विद्यालय बंद होने के बाद भी शिक्षकों की मेहनत से इंस्पायर अवार्ड में बच्चों की सहभागिता बढ़ी है। निश्चित रूप से इसका रिजल्ट भी शानदार होगा। बच्चों का प्रोजेक्ट भेजने में बांका का राज्य ही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर स्थान है। सभी विद्यालय को पांच-पांच चयनित बच्चों का प्रोजेक्ट ऑनलाइन भेजने हैं। वे लगातार इसकी समीक्षा भी कर रहे हैं। बचे विद्यालय भी इस काम को दो दिन में पूरा कर लेंगे।
निशीथ प्रणीत सिंह, डीपीओ, समग्र शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा