आक्सीजन प्लांट में चलाने में हर घंटा नौ सौ रुपये की बिजली का खपत

बांका। कोरोना काल में आक्सीजन के लिए मचे हाहाकार के बाद बांका सदर अस्पताल में पीएम केय

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 10:31 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 10:31 PM (IST)
आक्सीजन प्लांट में चलाने में हर घंटा नौ सौ रुपये की बिजली का खपत
आक्सीजन प्लांट में चलाने में हर घंटा नौ सौ रुपये की बिजली का खपत

बांका। कोरोना काल में आक्सीजन के लिए मचे हाहाकार के बाद बांका सदर अस्पताल में पीएम केयर फंड से आक्सीजन प्लांट लगाया गया है, लेकिन प्लांट के हिसाब से बांका में मरीजों की संख्या काफी कम है। इस लिहाज से प्लांट को रोजाना चालू नहीं किया जा रहा है। फिलहाल सदर अस्पताल में सिलेंडर से ही काम चलाया जा रहा है।

सदर अस्पताल में 60 छोटे और इतने ही बड़े सिलेंडर उपलब्ध हैं। बांका सदर अस्पताल में कोरोनाकाल में भी आक्सीजन की किल्लत नहीं हुई थी। यहां पर आक्सीजन पर्याप्त मात्रा में हमेशा उपलब्ध रहा है। सदर अस्पताल में लगा आक्सीजन प्लांट अगर चालू किया जाता है तो, इसमें एक घंटा में नौ सौ रुपये की बिजली खपत होती है। यह सदर अस्पताल के लिए काफी महंगा है। मरीज को मामूली आक्सीजन आपूर्ति के लिए अस्पताल प्रबंधन इतना खर्च से बचना चाहता है। आक्सीजन प्लांट को आखिरी बार बीते दिनों मुख्यमंत्री के बांका आगमन वाले दिन चालू किया गया था। हर दिन औसतन सांस के तीन मरीज होते हैं भर्ती सदर अस्पताल में सांस व इससे जुड़े अन्य मरीजों की संख्या काफी कम है। सदर अस्पताल के रिकार्ड को देखे तो औसतन तीन से चार मरीज ही सांस की बीमारी के हर दिन आते हैं। इन्ही मरीजों को आक्सीजन की जरूरत होती है। इतने मरीजों के लिए प्लांट को चालू नहीं किया जा सकता है। इन मरीजों को सिलेंडर से आक्सीजन की आपूर्ति होती है। सिलेंडर से पूरे अस्पताल में आक्सीजन की आपूर्ति की जाती है। सदर अस्पताल में प्राय: सभी बेड के पास इंसुलेटर से आक्सीजन की आपूर्ति की जाती है। कोट लांट पूरी तरह से एक्टिव मोड में है, लेकिन इसके हिसाब से मरीजों की संख्या काफी कम है। जरूरत पड़ने पर इसे चलाया जाता है। -अमरेश कुमार, अस्पताल प्रबंधक

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