आपदा को अवसर में बदल रहा कृषि विज्ञान केंद्र

बांका। कृषि विज्ञान केंद्र बांका द्वारा मछली पालक किसानों को वर्चुअल तरीके से एक दिवसीय मछली पालन का प्रशिक्षण दिया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 09:47 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 09:47 PM (IST)
आपदा को अवसर में बदल रहा कृषि विज्ञान केंद्र
आपदा को अवसर में बदल रहा कृषि विज्ञान केंद्र

बांका। कृषि विज्ञान केंद्र बांका द्वारा मछली पालक किसानों को वर्चुअल तरीके से एक दिवसीय मछली पालन का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान किसानों को रजौन प्रखंड के प्रगतिशील मछली पालक किसान संजय कुमार गुप्ता द्वारा अपने फार्म में हो रहे मछली बीज उत्पादन की तकनीक को लाइव दिखाया गया। इसमें जिले भर के 33 किसानों ने भाग लिया।

केविके के पशु विज्ञानी डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि जिले में काफी संख्या में लोग मछली पालन से जुड़ रहे हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में नए मछली पालकों को इसमें काफी नुकसान हो रहा है। ऐसे में नए मछली पालकों को ऑनलाइन के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसमें उन्हें लाइव हेचरी का भ्रमण भी कराया गया। उन्होंने बताया कि किसानों को हेचरी का विजिट कराने के लिए कम से कम चार से पांच हजार रुपया खर्च आता है। इसके साथ ही किसानों को दिन भर इसके लिए परेशान होना पड़ता है। ऑनलाइन के माध्यम से हेचरी का विजिट कराने से कम खर्च एवं किसानों का मूल्यवान समय की भी बचत होती है। इसके विजिट से किसानों में आत्मविश्वास आती है। इस तरह के भ्रमण में कम खर्च होने के साथ ही कोरोना से बचाव के लिए लोगों की भीड़ भी नहीं लगती। लोग घर बैठे ही ऑनलाइन के माध्यम से मछली पालन की सारी जानकारी ले सकते हैं। कोरोना काल में काफी लोग घर में बैठे है। ऐसे में लोग आपदा को अवसर में बदल सकते हैं। प्रशिक्षण के दौरान जिला मत्स्य विभाग के मत्स्य विशेषज्ञ शिवनारायण शर्मा ने किसानों को तालाब के प्रबंधन विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन प्रशिक्षण होने से जिले के अलावा राज्य एवं राज्य के बाहर के किसान भी जुड़कर इसकी जानकारी ले सकते हैं।

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