कर्ज लेकर आत्मनिर्भर होंगे मत्स्य पालक
बांका। मत्स्य पालकों को आर्थिक रूप से आत्म निर्भर बनाने के लिए सरकार ने ऋण देने की योजना बनाई है। इसमें इंडियन मेजर कार्प (आइएमसी) योजना के तहत एक लाख 65 हजार और फंगेसियस पालन के लिए चार लाख नौ हजार रुपया प्रति एकड़ के हिसाब से क्रियाशील पूंजी सात फीसद वार्षिक ब्याज की दर पर मत्स्य किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा।
बांका। मत्स्य पालकों को आर्थिक रूप से आत्म निर्भर बनाने के लिए सरकार ने ऋण देने की योजना बनाई है। इसमें इंडियन मेजर कार्प (आइएमसी) योजना के तहत एक लाख 65 हजार और फंगेसियस पालन के लिए चार लाख नौ हजार रुपया प्रति एकड़ के हिसाब से क्रियाशील पूंजी सात फीसद वार्षिक ब्याज की दर पर मत्स्य किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा।
जिला मत्स्य पदाधिकारी कृष्ण कुमार सिंहा ने बताया कि जिले में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से मतस्य कृषक ऋण योजना की शुरुआत की गई है। इसमें आइएमसी योजना के तहत किसानों को एक लाख 65 हजार रुपया और फंगोसियस पालन के लिए चार लाख नौ हजार रुपये प्रति एकड़ क्रियाशिल पूंजी बैंक के माध्यम से किसानों को महज सात फीसद वार्षिक ब्याज के दर पर उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि यदि किसान ऋण को तय समय के अंदर चुक्ता कर देते है, तो उन्हें तीन फीसद अतिरिक्त छूट दी जाएगी। यानि किसानों को अपने क्रियाशील पूंजी के बढले महज चार फीसद वार्षिक दर से ऋण देना होगा। उन्होंने बताया कि अभी जिले में लगभग दस हजार क्विंटल मछली का उत्पादन हो रहा है। जबकि यहां सालाना खपत 12 हजार क्विंटल के आस-पास है। ऐसे में दो हजार क्विंटल मछली का आयात अभी बाहर से हो रहा है, लेकिन इस योजना से मत्स्य पालन को बढ़ाकर जिले से मत्स्य पालन में न केवल आत्म निर्भर होगा। बल्कि जिले के मछली को दूर से जिला एवं राज्यों को निर्यात भी किया जा सकेगा।
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इन कागजातों के साथ करना होगा आवेदन
मत्स्य पदाधिकारी ने बताया कि वैसे इच्छुक मत्स्य पालक जो इसका लाभ लेना चाहते है। वे पट्टा, लीज, एग्रीमेंट पेपर, एलपीसी, फोटो, आधारकार्ड के साथ जिला मत्स्य कार्यालय बांका में संपर्क कर सकते है। उन्होंने बताया कि आवेदकों को सभी कागजातों की दो प्रति फॉर्म के साथ कार्यालय में जमा करना होगा।
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कोट::
मत्स्य किसान क्रेडिट कार्ड एक अति महत्वपूर्ण योजना है। इससे गरीब मत्स्य पालकों को कम लागत पर कार्यशील पूंजी उपलब्ध हो सके्गा। इससे मत्स्य पालक गुणवत्तापूर्ण बीज संचित कर व अच्छी सीड खिलाकर कम समय में अधिक मछली का उत्पादन कर सकेंगे।
कृष्ण कुमार सिंहा, जिला मत्स्य पदाधिकारी, बांका