किसानों को कम कालाबाजारियों तक अधिक पहुंच रहा खाद

बांका। प्रखंड क्षेत्र में डीलरों की मनमानी के कारण यूरिया खाद की किल्लत होने की प्रबल आशंका उत्पन्न हो गई है। कारण सरकार द्वारा निर्धारित दर पर डीलर खाद बेचने को तैयार नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 09:50 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 09:50 PM (IST)
किसानों को कम कालाबाजारियों तक अधिक पहुंच रहा खाद
किसानों को कम कालाबाजारियों तक अधिक पहुंच रहा खाद

बांका। प्रखंड क्षेत्र में डीलरों की मनमानी के कारण यूरिया खाद की किल्लत होने की प्रबल आशंका उत्पन्न हो गई है। कारण सरकार द्वारा निर्धारित दर पर डीलर खाद बेचने को तैयार नहीं है। करीब दर्जनभर डीलर ही खाद की बिक्री कर रहे हैं। शेष डीलरों ने निर्धारित दर पर खाद बेचने को लेकर हाथ खड़ा कर दिया है।

वहीं खाद उपलब्ध करा रहे कुछ डीलर किसानों को कम और ग्रामीण क्षेत्रों के कालाबाजारियों को अधिक खाद मुहैया करा रहा है। कालाबाजारी के लिए लाए गए खाद का भंडारण किया जा रहा है। जिस कारण मौजूदा समय में ग्रामीण क्षेत्रों में यूरिया खाद साढ़े तीन से चार सौ रुपये प्रति बोरी बिक रही है। मजबूरी में किसान अधिक कीमत देकर खाद की खरीददारी कर रहे हैं। कुछ डीलर किसानों से खाद खत्म होने का बहाना भी बना रहा है। कृषि विभाग के अनुसार बेलहर, साहबगंज, गोरगामा, झिकुलिया आदि गांव व बाजार के अनुज्ञप्ति प्राप्त डीलरों को यूरिया एवं डीएपी खाद उपलब्ध कराया गया है। यूरिया 266 और डीएपी 12 सौ रुपये प्रति बोरी बेचने का निर्देश दिया गया है। साहबगंज में सिर्फ एक डीलर के पास खाद भंडारण है, लेकिन उनके द्वारा यूरिया को लेकर हाथ खड़ा कर दिया गया है। किसान राजेश सिंह ने बताया कि रात के अंधेरे में कालाबाजारियों तक खाद पहुंचा दिया गया है। खाद मुंगेर जिले के भी कालाबाजारियों को उपलब्ध करा दिया गया है। सूत्रों की मानें तो खाद वितरण में भी बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हो रहा है। किसान महेश सिंह ने बताया कि मजदूरों के अंगूठे निशान पर खाद की बिक्री को दिखाया जा रहा है। जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों में यूरिया की कीमत साढ़े तीन से चार सौ रुपये तक वसूल की जाती है। बीएओ रजनीश कुमार गिरापु ने बताया कि डीलरों को निर्धारित दर 266 रुपये प्रति बोरी यूरिया और 12 सौ रुपये प्रति बोरी डीएपी बेचने का निर्देश दिया गया है। अधिकतर दुकानदार निर्धारित दर पर खाद बेचने को तैयार नहीं है। जिसे खाद उठाव का निर्देश दिया गया है। कालाबाजारी की शिकायत किसान करें, केस दर्ज किया जाएगा।

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