आफत बन बरसी चितरा की बारिश

बांका। चितरा नक्षत्र की बारिश किसानों के लिए आफत बनकर बरसी। इससे धान की निकल रही बाली पर व्यापक असर पड़ा है। तेज हवा के चलते पौधा जमीन पर गिर गया है। खर्च कर की गई धान फसल बड़े पैमाने पर बर्बाद होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 09:18 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 09:18 PM (IST)
आफत बन बरसी चितरा की बारिश
आफत बन बरसी चितरा की बारिश

बांका। चितरा नक्षत्र की बारिश किसानों के लिए आफत बनकर बरसी। इससे धान की निकल रही बाली पर व्यापक असर पड़ा है। तेज हवा के चलते पौधा जमीन पर गिर गया है। खर्च कर की गई धान फसल बड़े पैमाने पर बर्बाद होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

किसानों ने बताया कि सोमवार को दिन की बारिश से खेतों में नमी होने का फायदा हुआ, लेकिन की तेज बारिश से किसानों की फसल को बड़ा नुकसान हुआ है। रात में बारिश होने के कारण धान की बाली में खखड़ा अधिक होगी। इससे पैदावार प्रभावित होगा। उपज में एक हिस्सा कमी आ सकती है। वहीं जिस खेत में धान की फसल बाली निकलने के साथ ही जमीन पर गिर गई है, उसमें बाली आधी अधूरी भी भरना मुश्किल है।

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असमय बारिश ने किसानों को किया निराश

संसू, फुल्लीडुमर (बांका) : चित्रा नक्षत्र में अनावश्यक बर्षा से किसान परेशान हैं। धान की फसल के लिए यह बर्षा हर स्तर से हानिकारक है। इससे धान की उपज प्रभावित होने की पूरी संभावना है। किसान के साथ कृषि विभाग भी इस वर्षा से परेशान हो उठा है। नवटोलिया के किसान जनार्दन यादव ने बताया कि वे अगात खेती करते हैं। धान की बाली निकल गई है। इस बर्षा से धान का पौधा गिर गया है। अब धान की बाली भरने का समय है। अरविद यादव बताते हैं कि उनका ढाई एकड़ जमीन में धान की फसल बारिश में गिर गया है। इसके बचाव का न कोई वैज्ञानिक सलाह मिल रहीं है न ही कोई उपाय दिख रहा है। राजेन्द्र यादव बताते हैं कि बेमतलब की बर्षा एवं तेज हवा ने उनके धन की फसल को प्रभावित किया है। कृषि समन्वयक चंदन कुमार, प्रवीण कुमार पांडेय, अनिल सिंह, अजय कुमार शर्मा ने बताया कि कृषि वैज्ञानिक से आवश्यक जानकारी ली जाएगी। इसे पीड़ित किसानों से साझा कर फसल बर्बाद होने से बचाया जा सकेगा। कम से कम क्षति का प्रयास किया जाएगा।

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