धान में भिनभिनिया बीमारी से किसान परेशान

बांका। प्रखंड में इन दिनों धान में होने वाली भिनभिनिया नाम बीमारी से किसान परेशान हैं। इस बीमारी से धान की फसल बर्बाद हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 09:41 PM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 09:41 PM (IST)
धान में भिनभिनिया बीमारी से किसान परेशान
धान में भिनभिनिया बीमारी से किसान परेशान

बांका। प्रखंड में इन दिनों धान में होने वाली भिनभिनिया नाम बीमारी से किसान परेशान हैं। इस बीमारी से धान की फसल बर्बाद हो रही है। साथ ही इसका पुआल भी किसी काम नहीं आता है। चांदन, बिरनिया, सिलजोरी, गौरीपुर, कोरिया सहित कई पंचायतो में 500 एकड़ से अधिक की फसल बर्बाद हो चुकी है।

किसानों की माने तो यह बीमारी किसी खेत में एक जगह पर शुरू होते ही रात भर में पूरे खेत में लगी फसल को जला देती है। फसल की जड़ कमजोर होने से वह जमीन पर गिर जाती है औऱ देखते देखते दूसरे खेत मे भी यह बीमारी फैल जाती है। इस बीमारी लगे पुआल से जो बदबू आती है वह काफी खराब होता है। जिस कारण जानवर भी इसे नहीं खा सकते हैं। प्रखंड मुख्यालय के सिलजोरी, पैलवा, भनरा, कसई, बियाही, गोपडीह, कदरसा, गोविदपुर, डूमरथर, पलार, भेलगरो सहित कई गांव में अच्छी फसल होने के बाद भी बीमारी ने किसानों की कमर तोड़ दी है। कुछ जगहों पर तो किसान फसल को इस बीमारी से बचाव के लिए हरे फसल की ही कटाई कर रहा है। किसान सीताराम यादव, बंशी यादव, वकील यादव, बासुकीनाथ दुबे, महेंद्र राय ने बताया कि अच्छी पैदावार होने से किसान काफी खुश थे।

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क्या कहते है अधिकारी

इस बीमारी को ग्रामीण भाषा में भिनभिनिया कहा जाता है। जबकि इसका नाम ब्रॉउन प्लांट हॉपर (बीपीएच) है। यह दुर्गा पूजा और दीपावली के बीच मुख्य रूप से धान में लगता है, इसकी दवा प्रोफेनोफोस वन एमएल के साथ साइपर मेथ्रिन वन एमएल मिलाकर स्प्रे करने पर राहत मिल सकती है। इस दवा का स्प्रे धान की बाली पर नहीं बल्कि बाली और जड़ के बीच वाले भाग में नोजल रखकर स्प्रे करना पड़ता है। जो इस बीमारी से बचाव का सबसे अच्छा और सस्ता उपाय है।

अशोक कुमार राय कृषि समन्वयक चांदन कृषि विभाग

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