एक अदद सड़क ने ले ली काजल की जान
बांका। एक अदद सड़क नहीं रहने से प्रसूता काजल कुमारी की मौत हो गई। सड़क रहती तो शायद उसकी जान बच सकती थी। मामला प्रखंड मुख्यालय से आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित ककवारा पंचायत के कोरीचक गांव का है।
बांका। एक अदद सड़क नहीं रहने से प्रसूता काजल कुमारी की मौत हो गई। सड़क रहती तो शायद उसकी जान बच सकती थी। मामला प्रखंड मुख्यालय से आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित ककवारा पंचायत के कोरीचक गांव का है। महिला की मौत ने प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों के दावें की पोल खोलकर रख दी है।
विक्रम कुमार की पत्नी काजल कुमारी को प्रसव पीड़ा हुई थी। गांव में पौने किलोमीटर तक पक्की सड़क नहीं होने की वजह से स्वजन पगडंडी के सहारे खाट पर लादकर काजल को किसी तरह घर से सदर अस्पताल लाया। देर से अस्पताल पहुंचने पर शनिवार की रात काजल की मौत हो गई। स्वजनों ने बताया कि काजल ने अस्पताल मे एक शिशु को जन्म दिया। उसके बाद से रक्तस्राव नहीं रूक पाया। इस कारण उसे भागलपुर के मायागंज रेफर कर दिया। जहां उसकी मौत हो गई। चिकित्सक ने बताया कि काजल को लाने में स्वजनों ने देर कर दी थी, अधिक रक्तस्राव से उसकी मौत हो गई।
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वर्षों से गांव में सड़क नहीं
कोरीचक गांव में पक्की सड़क नहीं है। अनुसूचित जाति जनजाति वाले इस गांव में सड़क के लिए पंचायत प्रतिनिधियों तक ने पहल नहीं की। इस कारण गांव में आजतक सड़क नहीं बनी है। काजल के पहले भी एक प्रसूता की मौत हो गई थी।
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कोट
सड़क के लिए सरकारी स्तर पर कार्य किया जा रहा है। जल्द ही इसका निराकरण कर लिया जाएगा।
सुनीता देवी, मुखिया
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कोट
सड़क निर्माण के लिए अनुशंसा की गई है। स्टीमेट भी बनकर तैयार हो चुका है। सरकारी कार्य में थोड़ा विलंब होता ही है। जल्द ही कोरीचक तक पक्की सड़क बनकर तैयार होगा। सरकार की योजना सभी गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने की है। बांका का कोई भी गांव इससे अछूता नहीं रहने वाला है।
रामनारायण मंडल, विधायक, बांका