सिंहनान में जल संचय के लिए तालाब को जीर्णोद्धार जरूरी
बांका। पानी मानव ही नहीं हर प्राणी की आवश्यकता है। इसके बगैर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। इसके लिए कई योजनाएं भी सरकार द्वारा चल रही है।
बांका। पानी मानव ही नहीं हर प्राणी की आवश्यकता है। इसके बगैर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। इसके लिए कई योजनाएं भी सरकार द्वारा चल रही है। पर सिस्टम की लचर व्यवस्था के कारण जल संचय अभियान कारगार साबित नहीं हो रहा है।
प्रखंड क्षेत्र में अधिकांश कुएं अब उपयोग में नहीं है। जलस्त्रोत के बहुत नीचे चले जाने के कारण अधिकांश चापाकल बेकार हो गए हैं। इसके लिए जरूरी है कि आम जनता को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करना। इधर, सामाजिक कार्यकर्ता शिवमणि सिंह ने बताया कि पानी के लिए लोगों के बीच हाहाकार मचा हुआ है। इसलिए जरूरत है हमें पानी की हर बूंद को सहेजना है। इस विकट परिस्थिति से निपटने के लिए प्रखंड क्षेत्र में कई पुरानी तालाब का जीर्णोद्वार जरुरी है। हालांकि सरकारी तंत्र द्वारा जल जीवन हरियाली अभियान के तहत लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया जा रहा है। कठचातर गांव में करीब 40 बीघा जमीन में फैले तालाब एवं नवादा बाजार में करीब 30 बीघा जमीन पर खेलें तालाब का जीर्णोद्धार कर तालाब में जल संचय किया जा सकता है। कई जगह लोगों द्वारा तालाबों का अतिक्रमण किया गया है। प्रखंड के 18 पंचायतों में सिंहनान पंचायत में कुछ ग्रामीणों ने जल संचय के प्रति जागरूकता दिखाई है। मुखिया राघवेंद्र सिंह कुशवाहा के प्रयास से जल जीवन हरियाली योजना के तहत सात तालाब की खोदाई एवं दो तालाब की सफाई की गई है। दयालपुर गांव में तालाब की खुदाई एवं सुंदरीकरण करते हुए सीढ़ी घाट का निर्माण कराया गया। प्रखंड क्षेत्र के अन्य 17 पंचायतों के जनप्रतिनिधियों एवं वहां के लोगों की उदासीनता की वजह से जल संचय योजना धरातल पर नहीं उतरी है। इधर, बीडीओ ने बताया कि जल जीवन हरियाली के प्रति सरकार गंभीर है।