आम के मंजर को सबसे अधिक मधुआ कीट से खतरा
बांका। आम के पेड़ में मंजर को देखकर किसानों को इस बार आम की अछी फसल होने की उम्मीद है। पर आम की अछी पैदावार लेने के लिए बगीचे का प्रबंधन जरूरी है।
बांका। आम के पेड़ में मंजर को देखकर किसानों को इस बार आम की अच्छी फसल होने की उम्मीद है। पर आम की अच्छी पैदावार लेने के लिए बगीचे का प्रबंधन जरूरी है। आम के मंजर पर सबसे अधिक मधुआ कीट का खतरा रहता है। यदि समय पर इसका उपचार नहीं किया गया तो आम के फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे।
केविके के वरीय विज्ञानी डॉ. मुनेश्वर प्रसाद ने बताया कि मौसम में आए बदलाव का इस फसल पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस फसल पर सबसे अधिक मधुआ कीट का खतरा होता है। इससे फसल बर्बाद हो जाते हैं। अभी मंजर के समय परागन की प्रक्रिया होती है। इस समय कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव नहीं करना चाहिए। दवाई का छिड़काव करने से सभी मक्खी बगीचे से भाग जाएंगे। इससे परागन नहीं होगा और फलन में कमी आएगी। किसानों को मंजर आने से पूर्व या 15 फरवरी से पूर्व ही कीटनाशक दवाई का छिड़काव करना चाहिए। इससे ये कीट से सुरक्षित रहते हैं।
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ऐसे करें उपचार
वरीय विज्ञानी ने बताया कि आम के फसल पर सबसे अधिक मधुआ कीट का खतरा रहता है। यह भूरे रंग का छोटा-छोटा व्यस्क एवं शिशु दोनों ही पेड़ों की पत्तियों, कोमल टहनियों एवं मंजरों का रस काफी मात्रा में चूसते हैं। शिशु कीट एक प्रकार का श्राव निकालता है। इसके कारण पत्तियां पीला पड़ जाती है। फूल झड़ने लगते है। हल्की हवा चलने पर फल गिर जाते हैं। इसके बचाव के लिए थायोमिथोक्जेम एक ग्राम तीन लीटर पानी में या इमीडाक्लोप्रीड 17.8 एमएल दवा तीन लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। आवश्यकता पड़ने पर दूसरा छिड़काव 15 दिन बाद करें। दूसरा किट मिली बग है, जो चिपटे गोल आकार का और पंखहीन तथा शरीरी पर सफेद दही के रंग का पाउडर चिपका रहता है। यह कीट मुलायम डालों और मंजर वाले भाग में चिपके रहते हैं। इससे आक्रांत भाग सूख जाते हैं और मंजर झड़ जाता है। इससे बचाव के लिए मई जून में बगीचे की जुताई कर दें। इससे मिट्टी के अंदर छिपे कीट एवं अंडे धूप एवं पक्षियों द्वारा नष्ट कर दिए जाते हैं। जोती गई जमीन में क्लोरपायरिफॉस 150 मिलीलीटर, नीम की खल्ली एक किलोग्राम प्रति पेड़ की जड़ के पास मिट्टी में अच्छी तरह से मिलाना चाहिए।