बाराहाट में डिग्री कॉलेज नहीं, पलायन की विवशता

बांका। बाराहाट प्रखंड में कुल 15 पंचायतों में इंटर से आगे की पढ़ाई के लिए एक भी डिग्री कॉलेज नहीं है। डिग्री कॉलेज का अभाव रहने से कई छात्रों के उच शिक्षा पाने की आकांक्षा को समयपूर्व ही ग्रहण लग जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 10:25 PM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 10:25 PM (IST)
बाराहाट में डिग्री कॉलेज नहीं, पलायन की विवशता
बाराहाट में डिग्री कॉलेज नहीं, पलायन की विवशता

बांका। बाराहाट प्रखंड में कुल 15 पंचायतों में इंटर से आगे की पढ़ाई के लिए एक भी डिग्री कॉलेज नहीं है। डिग्री कॉलेज का अभाव रहने से कई छात्रों के उच्च शिक्षा पाने की आकांक्षा को समयपूर्व ही ग्रहण लग जाता है। खासकर बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के देशव्यापी अभियान को ब्रेक सा लग जाता है।

कई अभिभावक दूरदराज के डिग्री कॉलेज में अपने बेटे, बेटियों को आर्थिक तंगी के अभाव में पढ़ाने से अपना हाथ खींच लेते हैं तो कई लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए घर से दूर भेजने की स्वतंत्रता का निर्णय लेने से परहेज कर लेते हैं। जिससे कई छात्रों की उच्च शिक्षा पाने की इच्छा धरी की धरी रह जाती है।

स्थानीय अमरकांत जायसवाल, रासमोहन ठाकुर, शंकर डालमियां, बालकिशोर भगत, शिक्षाविद् दिवाकर ठाकुर, सेवानिवृत शिक्षक सुरेन्द्र सिंह, श्यामसुंदर पंडित, बिजेन्द्र यादव बताते हैं कि पहले तो हाई स्कूलों में मैट्रिक तक की पढ़ाई ही होती थी। तब मैट्रिक के बाद ही कई छात्रों का पढ़ाई से पलायन हो जाता था। बाद में सरकार की पहल के बाद इन हाईस्कूलों को इंटरस्तरीय दर्जा मिलने से इंटर तक छात्र आसानी से नजदीकी क्षेत्रों में पढ़ने लगे। आगे की पढ़ाई के लिए अभी भी लोगों को दूरदराज भेजने की विवशता है। जो किसी न किसी कारण से सबके वश की बात नहीं रह पाती है। जिससे कई छात्रों का डिग्री व मास्टर डिग्री पाने का सपना अधूरा रह जाता है। न ही कोई सरकारी या गैर सरकारी तकनीकी संस्थान खुल सका है। इनलोगों का कहना है कि अगर डिग्री कॉलेज या अन्य कोई तकनीकी संस्थान स्थानीय क्षेत्र में भविष्य में खुलता है तो यहां के छात्रों को उच्च शिक्षा व तकनीकी शिक्षा हासिल करने में मील का पत्थर साबित होगा।

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