कुछ में उम्मीदवारी तय नहीं, कार्यकर्ताओं में असमंजस बरकरार

बांका। जिले के पांचों विधानसभा क्षेत्रों के लिए पहले चरण में 2

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 10:05 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 10:38 PM (IST)
कुछ में उम्मीदवारी तय नहीं, कार्यकर्ताओं में असमंजस बरकरार
कुछ में उम्मीदवारी तय नहीं, कार्यकर्ताओं में असमंजस बरकरार

बांका। जिले के पांचों विधानसभा क्षेत्रों के लिए पहले चरण में 28 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। एक अक्टूबर से प्रत्याशी नामांकन कर सकते हैं, लेकिन अभी तक किसी भी महत्वपूर्ण दल के उम्मीदवारों की सूची तैयार नहीं है। खासकर अमरपुर, धोरैया, बांका में महागठबंधन से कौन से दल के प्रत्याशी होंगे यह भी पूरी तरह तय नहीं है।

वैसे, एनडीए से बांका एवं कटोरिया में उम्मीदवारी तय माना जा रहा है। पर अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। धोरैया के पूर्व रालोसपा उम्मीदवार व पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूदेव चौधरी के राजद में जाने से चर्चा है। वे फिर से वहां से महागठबंधन से उम्मीदवार हो सकते हैं, जबकि कुछ संभावित उम्मीदवार अपने-अपने तरीके किए गए काम, जातिगत गोलबंदी, पिछले चुनाव की स्थिति आदि का आकड़ा पेश कर अपने दावे को मजबूत बता रहे हैं। हालांकि जानकार बताते हैं कि बेलहर, अमरपुर में पहले यह तय होना बाकी है कि वहां एनडीए में कौन सा दल और महागठबंधन में कौन सा दल चुनाव लड़ेगा।

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अमरपुर विधानसभा

वर्ष 2015 के चुनाव में महागठबंधन के साथ जदयू था। अब जदयू एनडीए के साथ है। ऐसे में अमरपुर विधानसभा से वर्तमान विधायक जनार्धन मांझी का विरोध अंदर उनके ही सहयोगी दल के उम्मीदवार ने करना शुरु कर दिया है। भाजपा के पूर्व उम्मीदवार डॉ. मृणाल शेखर ने कहा कि अमरपुर का जो विकास होना था वह नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि यहां से उनकी दावेदारी होगी, जबकि वर्तमान विधायक के उम्र व बाहरी का हवाला देकर कुछ पार्टी कार्यकर्ता ने ही मोर्चा खोल दिया है। जदयू नेता पंकज दास ने बताया कि दर्जनों कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री से मिलकर उम्मीदवार बदलने की मांग की है। इधर, पार्टी सूत्रों ने बताया कि विधायक के पुत्र या पुत्री भी चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। राजद से पूर्व मंत्री सुरेंद्र कुशवाहा, राजीव कुशवाहा, मिथिलेश कुशवाहा आदि टिकट की दौड़ में है। राजद के सहयोगी कांग्रेस से पार्टी जिलाध्यक्ष संजीव कुमार सिंह, पूर्व उम्मीदवार राकेश सिंह, सहकारिता बैंक के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र सिंह व अनिल सिंह सहित अन्य के नामों की चर्चा है।

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धोरैया विधानसभा

धोरैया विधानसभा सीट पर तीन बार से लगातार जदयू का कब्जा है। यहां के वर्तमान विधायक मनीष कुमार के फिर से एनडीए से उम्मीदवार बनना तय है। उनका मुकाबला फिर से महागठबंधन की ओर से राजद के उम्मीदवार भूदेव चौधरी से होगा। राजद में शामिल होने पर भूदेव की उम्मीदवारी तय मानी जा रही है। इसके अलावा अन्य छोटे-छोटे दल के उम्मीदवार भी सक्रिय हैं। ज्ञात हो कि पिछली बार भी रालोसपा से भूदेव उम्मीदवार थे। मनीष कुमार ने भूदेव को पराजित किया था।

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कटोरिया विधानसभा

कटोरिया विधानसभा क्षेत्र से राजद उम्मीदवार की तौर पर वर्तमान विधायक स्वीटी सीमा हेम्ब्रम की उम्मीदवार लगभग तय है। उनका मुकाबला पुराने प्रतिद्वंद्वी भाजपा की डॉ. निक्की हेंब्रम से होना तय माना जा रहा है। वैसे, झामुमो की पूर्व प्रत्याशी अंजुला हांसद भी सक्रिय है। वे भी महागठबंधन से संपर्क बनाए हुई र्ह। इसके अलावा अन्य कई नेता भी अपना वायोडाटा एनडीए व महागठबंधन में जमा किया है।

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बांका विधानसभा

बांका सीट हॉट माना जा रहा है। यहां एनडीए से भाजपा उम्मीदवार के रूप में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल का बनना तय माना जा रहा है। इनके टक्कर का उम्मीदवार देने के लिए महागठबंधन भी दाव पेंच खेल रहा है। फिलहाल, पूर्व मंत्री डॉ. जावेद इकबाल महागठबंधन के राजद से उम्मीदवार के तौर पर मैदान में सक्रिय हैं। इधर, पूर्व राजद उम्मीदवार जफरुल होदा के साथ ही पूर्व बसपा उम्मीदवार मुन्ना सिंह के नामों की भी चर्चा हो रही है। जबकि वामदलों से गठबंधन तय होने पर पूर्व विधान पार्षद कामरेड संजय यादव के भी उम्मीदवार बनने की चर्चा है। फिलहाल सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। कोरोना काल में इस साल विधानसभा चुनाव में अलग नजर रहेगा। बांका विधानसभा सीट पर इस बार लड़ाई रोचक रहने के आसार बन रहे हैं। अबतक राजनीतिक दलों द्वारा प्रत्याशियों के नामों की घोषणा नहीं किए जाने से पार्टी के कार्यकर्ता असमंजस में हैं।

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