छठ पूजा 18 से, घाटों पर गंदगी का अंबार

बांका। लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर प्रखंड में तैयारी प्रारंभ नहीं हो पाई है। महापर्व छठ 18 नवंबर से शुरू होना है लेकिन छठ घाटों पर गंदगी एवं कूड़े-कचरे का अंबार लगा हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 10:09 PM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 10:09 PM (IST)
छठ पूजा 18 से, घाटों पर गंदगी का अंबार
छठ पूजा 18 से, घाटों पर गंदगी का अंबार

बांका। लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर प्रखंड में तैयारी प्रारंभ नहीं हो पाई है। महापर्व छठ 18 नवंबर से शुरू होना है, लेकिन छठ घाटों पर गंदगी एवं कूड़े-कचरे का अंबार लगा हुआ है। जिससे छठव्रतियों को इस बार भी भगवान भास्कर की आराधना करने में परेशानी से गुजरना पड़ेगा।

कटोरिया बाजार स्थित प्रसिद्ध बड़का बांध जहां सार्वजनिक छठ पूजा समिति द्वारा बड़े पैमाने पर छठ पूजा का आयोजन होता है। कई घाटों पर भी गंदगी का अंबार लगा हुआ है। बड़का बांध में सार्वजनिक छठ पूजा समिति के बैनर तले भगवान भास्कर सहित देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की जाती है। इसके अलावा यहां बड़ी संख्या में छठव्रती भगवान सूर्य को अ‌र्घ्य प्रदान करती हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा किसी तरह का साफ-सफाई एवं सहयोग नहीं किया जा रहा है। पूजा समिति द्वारा अपने स्तर से साफ-सफाई कराई जाती है। वर्तमान में नदी एवं बांध गंदगी एवं कूड़े-कचरे का अंबार लगा हुआ है। नदी व बांध में जलकुंभी एवं कीचड़ के कारण यह ऐतिहासिक तालाब आज अपना अस्तित्व खोने को मजबूर है। बाजार के कुछ व्यवसायियों द्वारा अपने घरों एवं शौचालयों का गंदा पानी तालाब में गिराया जा रहा है। जिससे तालाब का पानी काफी प्रदूषित हो गया है। ना किसी जनप्रतिनिधि ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। स्थानीय लोगों के अनुसार बड़का बांध, दर्भासन नदी, जमदाहा चानन नदी, बाघमारी नदी, सिमरखुंट बांध, गडुरा नदी, बड़वासनी बांध, घघरीजोर नदी उद्धारक की बाट जोह रहा है।

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