बिजली ने किया दशहरे का रंग फीका, नहीं बढ़ी आपूर्ति

बांका। पिछले पांच दिनों से जिला की बिजली आपूर्ति सबसे खराब दौर में पहुंच गई है। लोगों को इस

By JagranEdited By: Publish:Fri, 08 Oct 2021 10:57 PM (IST) Updated:Fri, 08 Oct 2021 10:57 PM (IST)
बिजली ने किया दशहरे का रंग फीका, नहीं बढ़ी आपूर्ति
बिजली ने किया दशहरे का रंग फीका, नहीं बढ़ी आपूर्ति

बांका। पिछले पांच दिनों से जिला की बिजली आपूर्ति सबसे खराब दौर में पहुंच गई है। लोगों को इसके लिए कई बार घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। अमरपुर और बौंसी इलाके में सबसे पहले आपूर्ति की हालत खराब हुई। इसके बाद अब दो तीन रात से बांका शहर में भी बिजली लोगों को चकमा दे रही है। इससे तेज धूप के बीच हथिया नक्षत्र की उमस वाली गर्मी लोगों को परेशान कर रही है। बिजली भी रात को सबसे ज्यादा सता रही है। 2016 में बिजली की हालत सुधरने के बाद ऐसी हालत कभी नहीं हुई थी।बिजली आपूर्ति कम होने साफ वजह जिला स्तर के अधिकारी भी नहीं बता पा रहे हैं। वे सिर्फ इसे राज्य स्तर का मामला बता कर पल्ला झाड़ ले रहे हैं।

खेसर : बिजली की आंख मिचौली से ग्रामीण परेशान हैं। शाम ढलते ही गांव से बिजली गायब हो जाती है। इससे छात्र ठीक से अपनी पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। ग्रामीणों को रतजगा करना पड़ रहा है। धावावरण के लीलो दास ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली प्लांट में कोयला खत्म होने की अफवाह फैल गई है। बताया जाता है कि इस कारण गांव में बिजली कटौती शुरू हो गई है। गोड़ा निवासी श्रवण गुप्ता ने बताया कि बीते रात बिजली की आंख मिचौली के कारण रात भर नींद हराम रही। रात को उमस भरी गर्मी में बिजली नहीं रहने से सभी ग्रामीण रात के 12 बजे तक बांका बेलहर मुख्य मार्ग पर गप्पे मारते रहे। भीतिया निवासी चंद्रशेखर चौधरी ने बताया कि भीतिया पंचायत में फुल्लीडुमर से बिजली की सप्लाई दी जाती है। जंगली क्षेत्र होने के कारण महीने में दस दिन बिजली गुल हो जाती है। पिछले एक सप्ताह से रात भर बिजली नहीं रहने से ग्रामीण परेशान हैं। बच्चों की पढ़ाई , बिजली से चलने वाला उपकरण ठप पड़ गया है। बौंसी में रतजगा कर रहे लोग संवाद सहयोगी, बौंसी ( बांका): बिजली की समस्या से शहरवासी रतजगा करने को विवश हैं। बिजली कटौती से शहर से लेकर गांव तक की स्थिति गंभीर बनी हुई है। दो-तीन दिनों से बिजली की आपूर्ति पूरी तरह से चरमरा गई है। इस कारण लोगों के व्यवसाय पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। बिजली कमी का असर डहुआ गांव के बुनकरों पर भी पड़ा है। बुनकर संघ के अध्यक्ष मुरताज अंसारी ने बताया कि बिजली आपूर्ति सही ढंग से नहीं होने से व्यवसाय पर बुरा असर पड़ रहा है। बिजली के अभाव में कारीगर बैठे रह जाते हैं। बाजार में बिजली की कटौती के कारण पेयजल से लेकर घरेलू कामकाज में परेशानी हो रही है। गर्मी में लाइट कट जाने से लोगों को रात भर जगकर समय बीताना पड़ रहा है। गज्जर मुहल्ले के लक्ष्मी इंजीनियरिग के प्रोपराइटर संतोष यादव ने बताया कि बिजली समस्या के कारण मिस्त्री ठीक ढंग से काम नहीं कर पा रहा है।इस कारण ग्राहकों को सही समय पर सामान देने में परेशानी हो रही है। आइसक्रीम फैक्ट्री के संचालक राहुल कुमार ने बताया कि समुचित बिजली नहीं रहने से व्यवसाय पर संकट खड़ा हो गया है। हालांकि बिजली कटौती का मुख्य कारण बिजली घरों में कोयले का संकट बताया जा रहा है। जेई निरंजन कुमार ने बताया कि बिजली की आवश्यकता 10 मेगावाट है। लेकिन मुख्य समय में आपूर्ति मात्र दो मेगावाट हो रही है। कभी -कभी शून्य भी हो जाती है। कोट आपूर्ति पहले से काफी कम हो जाने के कारण बिजली कट की समस्या हो रही है। दिन में पटना से फूल लोड आपूर्ति मिलने पर उसकी सप्लाई हो रही है। शाम के बाद आपूर्ति कभी कम तो कभी पूरी तरह शून्य हो जाती है। शुक्रवार को भी इसकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। -प्रकाश झा, कार्यपालक अभियंता विद्युत

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