सिरादै: यहां अबतक कोरोना नहीं दे सका दस्तक

बांका। जिले के बाराहाट प्रखंड की पंजवारा पंचायत में एक गांव सिरादै है। यह गांव तीन टोलों में विभाजित

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 07:35 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 07:39 PM (IST)
सिरादै: यहां अबतक कोरोना नहीं दे सका दस्तक
सिरादै: यहां अबतक कोरोना नहीं दे सका दस्तक

बांका। जिले के बाराहाट प्रखंड की पंजवारा पंचायत में एक गांव सिरादै है। यह गांव तीन टोलों में विभाजित है। शहर की आवोहवा व भीड़ भाड़ से दूर यहां के अधिकांश लोगों की जीविका मेहनत, मजदूरी व किसानी पर आश्रित है। आज भी यहां पक्का मकान कम व फूस की झोपड़ी अधिक है। खास बात यह है कि यहां अबतक कोरोना की नो इंट्री रही है। क्या कहते हैं ग्रामीण ग्रामीण संजय यादव, हरि यादव, घनश्याम यादव, कैलाश राय, सुफाली राय, भूदेव राय, वार्ड सदस्य संतलाल राय, पूर्व वार्ड सदस्य प्रेमशंकर धौर, चंद्रशेखर धौर आदि अन्य ने बताया कि शहर, बाजार व अन्य गांवों में कोरोना को लेकर कई तरह की बातें सुनते हैं। हमलोगों को भी अंदर से इसे लेकर कभी कभार डर लगता है, लेकिन इस महामारी से हमारे गांव का तीनों टोला आजाद है। किसी के घर कोरोना का कहर नहीं है। अगर किसी को सर्दी व खांसी के साथ कोरोना आया भी होगा तो कब आया और कब गया पता नहीं चला है। अगर बाहरी लोगों आते हैं तो उनकी जांच कराकर ही गांव में आने की अनुमति है। ग्रामीणों के इस पहल से अबतक इस गांव में एक भी कोरोना संक्रमित नहीं हैं।

क्या है इनकी दिनचर्या ग्रामीणों की मानें तो कई परिवार यहां भूमिहीन हैं। कुछ के पास थोड़ी बहुत खेतीबाड़ी की जमीन है। गिने चुने लोगों के पास ही दो चार बीघा खेती की भूमि है। इस कारण से यहां के लोगों की जीविका का मुख्य आधार मेहनत, मजदूरी, कृषि कार्य व पशुपालन है। दिनभर काम रात को विश्राम दैनिक दिनचर्या का हिस्सा है। खानपान में अधिकतर खेतों में उपज का मोटा अनाज ही शामिल रहता है। क्या कहते हैं चिकित्सक

इस संबंध में पंजवारा अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. दिनेश कुमार ने कहा कि खानपान व रहन सहन से हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता तैयार होता है। मेहनतकश इंसान व खानपान में संतुलित आहार से हमारा शरीर कई बीमारियों से स्वयं लड़ लेता है। सिरादै गांव से कोरोना का कोई मामला हमारे संज्ञान में आया भी नहीं है। यह एक शुभ संकेत है।

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