अमरपुर में भी नहीं चुकी मुनिया माय, पिछले रमुआ के बाप
बांका। आधी आबादी गिनती में भले आधी से कम हो मगर लोकतंत्र को मजबूत करने में वह आधा से भी अधिक आगे कदम बढ़ा चुकी है। कदम थोड़ा बहुत आगे नहीं बल्कि चुनाव में चौक-चौराहे पर लंबा झाड़ रहे पुरुषों को महिलाओं ने मतदान में 12 प्रतिशत तक पीछे छोड़ दिया है।
बांका। आधी आबादी गिनती में भले आधी से कम हो, मगर लोकतंत्र को मजबूत करने में वह आधा से भी अधिक आगे कदम बढ़ा चुकी है। कदम थोड़ा बहुत आगे नहीं बल्कि चुनाव में चौक-चौराहे पर लंबा झाड़ रहे पुरुषों को महिलाओं ने मतदान में 12 प्रतिशत तक पीछे छोड़ दिया है।
रविवार को अमरपुर के 19 पंचायतों में हुए मतदान में भी महिलाओं का खूब जोश दिखा। इसके पहले बांका, बौंसी, धोरैया और रजौन में भी महिलाएं 11 से 13 फीसद तक अधिक मतदान कर चुकी है। अमरपुर के मतदान में महिलाओं का मतदान प्रतिशत 70 फीसद पार कर गया है। जबकि पुरुषों का मतदान प्रतिशत 57.88 पर ही ठहर गया। मुनिया माय सुबह चौका-बर्तन किए बगैर ही बूथ पर वोट डालने पहुंच गई। आश्चर्य कि सुबह-सुबह महिलाओं की बूथ पर खड़ी हुई कतार शाम के वक्त ही कमजोर हुई। मतदान केंद्रों पर पूरे आठ घंटे तक महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक दिखी। इसका बड़ा लाभ महिला प्रत्याशियों को मिला। प्रचारकों को इन महिला मतदाता का मिजाज भांपना भी मुश्किल हो रहा था।
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आधा चुनाव जीतेंगे तो वोट कैसे कम देंगे
सलेमपुर, विशनपुर, फतेहपुर के मतदान केंद्रों पर कुछ महिला मतदाताओं ने बताया कि वह वोट में पीछे क्यों रहेगी। जब आधा से अधिक मुखिया, जिला पार्षद, वार्ड सब उनको बनना है तो वोट कौन देगा। अभी अमरपुर की तीनों जिला पार्षद महिला हैं। फिर तीनों महिला को ही जीतना है। मुखिया में भी हम आधा से अधिक हैं। महिलाओं ने बताया कि निश्चित रुप से हर मतदाता सूची में पुरुष मतदाता की संख्या अधिक है। पुरुषों की आबादी भी अधिक है। मगर घर महिलाएं अधिक रहती है। कई घरों के पुरुष रोजगार के लिए परदेश में रहते हैं।