बांका के मतदाताओं ने भी अधिकांश पुराने मुखिया की कुर्सी छिनी

बांका। धोरैया प्रखंड के मतदाताओं ने अधिकांश मौजूदा मुखिया को कुर्सी से बेदखल कर दिया था। बा

By JagranEdited By: Publish:Fri, 01 Oct 2021 09:21 PM (IST) Updated:Fri, 01 Oct 2021 09:21 PM (IST)
बांका के मतदाताओं ने भी अधिकांश पुराने मुखिया की कुर्सी छिनी
बांका के मतदाताओं ने भी अधिकांश पुराने मुखिया की कुर्सी छिनी

बांका। धोरैया प्रखंड के मतदाताओं ने अधिकांश मौजूदा मुखिया को कुर्सी से बेदखल कर दिया था। बांका सदर प्रखंड के मतदाताओं ने भी अधिकांश पुराने चेहरे को हरा दिया। 16 में सात मौजूदा मुखिया की कुर्सी बरकरार रही और नौ नए चेहरे को मतदाताओं ने मुखिया का ताज पहनाया। जिस पंचायत में पुराने मुखिया की कुर्सी बरकरार रही उसमें समुखिया, बहेरा, करमा, तेलिया, कझिया, लखनौड़ी और छत्रपाल शामिल है। नया मुखिया चुनने वालों में जमुआ, ककवारा, दोमुहान, लोधम, दक्षिण कटेली, डाढ़ा, लकड़ीकोला, रैनिया जोगडीहा और दुधारी पंचायत शामिल है। इसके पहले सुबह आठ बजे पीबीएस कालेज में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतगणना का काम शुरु हुआ। इस बार शाम होने से पहले ही सभी चुनाव परिणाम जारी हो गया।

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सबसे कम मतों के अंतर से हारे श्रवण बांका की 16 पंचायतों में सबसे कम मतों से हारने वालों में जमुआ पंचायत के श्रवण कुमार हैं। वे केवल आठ मतों के अंतर से चुनाव हार गए हैं। पंचायत में केदार सिंह 821 वोट हासिल कर मुखिया बने, जबकि श्रवण कुमार 813 वोट हासिल कर चुनाव हार गए। इसके बाद कझिया से अंजूबाला संत बस 22 मतों के अंतर से मुखिया का चुनाव जीतीं हैं। बांका प्रखंड में सबसे बड़ी जीत लकड़ीकोला में श्रीकांत मंडल को मिली। उन्होंने 3163 मत हासिल कर मौजूदा मुखिया निवास कुमार मंडल को 1148 वोट के अंतर से पराजित कर दिया। तेलिया से रेणु देवी भी 2546 वोट हासिल कर 1310 मतों से चुनाव जीतने में सफल रही। वह विधायक मनोज यादव के बड़े भाई दिलीप यादव की पत्नी हैं। दिलीप और उनकी पत्नी रेणु लगातार पांचवीं बार इस सीट से चुनाव जीती है। इधर, मनोज ने सभी जीते प्रतिनिधियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि अधिकतर चेहरे पार्टी से जुड़े जीते हैं।

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नई दुल्हन पास, पुरानी फेल

युवा राजद के नेता रहे सुनील यादव का चुनाव से ठीक पहले अंतरजातीय विवाह काम आ गया। नामांकन के कुछ ही दिन पहले ही सुनील ने दूसरी शादी अति पिछड़ा पूजा रंजन से कर लिया। शादी के बाद ही उसे ककवारा अति पिछड़ा महिला सुरक्षित पंचायत से प्रत्याशी बना दिया। पूजा ने 3429 वोट हासिल कर अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को एक हजार के अधिक मतों के अंतर से पराजित कर दिया। जबकि इसी पंचायत से उनकी पुरानी और पहली पत्नी निशा देवी इस बार पंचायत समिति सदस्य का चुनाव हार गई है। निशा अभी बांका प्रखंड की उप प्रमुख थीं।

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विजेता- निकटतम प्रतिद्वंदी-मत से जीते समुखिया- विमल कुमार सोरेन- श्यामलाल मरांडी- 217 बहेरा- ऋषिकांत साह- दिलीप कुमार पंडित -531

दुधारी- समीना खातून- रंभा भारती- 287

कर्मा-कमलकांत मांझी- मनोज हरिजन- 429

रैनिया जोगडीहा-रंभा देवी-बिदु देवी- 369

तेलिया-रेणु देवी- मोना देवी- 1310

कझिया-अंजूबाला संत-बीबी फाईजा खातून- 28

लखनौड़ी-राजबाला संत- नकूल कुमार मिश्र- 613

लकड़ीकोला-श्रीकांत मंडल-निवास कुमार- 1148

डांढा-बुलबुल कुमारी-सुनीता देवी- 404

छत्रपाल- विनोद यादव- संजय कुमार यादव- 843

दक्षिण कटेली-नूनेश्वर यादव- पवन कुमार - 373

लोधम- शिवनारायण- मोहनलाल यादव - 510

ककवारा-पूजा रंजन- सुनीता -1014

जमुआ-केदार सिंह- श्रवण कुमार -08

दोमुहान-रेखा देवी- नूतन कुमारी- 941

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