परेशान किसान खुले बाजारों में बेच रहे अपना धान

बांका। जिले में धान अधिप्राप्ति का कार्य शुरू हुए एक पखवाड़ा बीतने को है, फिर भी धान खरीद र

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Dec 2018 09:20 PM (IST) Updated:Fri, 14 Dec 2018 09:20 PM (IST)
परेशान किसान खुले बाजारों में बेच रहे अपना धान
परेशान किसान खुले बाजारों में बेच रहे अपना धान

बांका। जिले में धान अधिप्राप्ति का कार्य शुरू हुए एक पखवाड़ा बीतने को है, फिर भी धान खरीद रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है। जबकि सहकारिता विभाग की ओर से धान खरीद के लिए पहले चरण में 85 समितियों का चयन कर उसे सात लाख 15 हजार की राशि भी सीसी के तौर पर मुहैया करा दी गई है। इसमें 83 पैक्स व दो व्यापार मंडल शामिल हैं। लेकिन इसमें भी अब तक 56 समितियों ने किसानों से धान खरीद का खाता भी नहीं खोला है। धान क्रय केंद्र नहीं खुलने से परेशान किसान अपने धान औने-पौने दामों में खुले बाजारों में बेचने को विवश हैं। जिससे अब तक क्रय केंद्र के जरिये महज 66.224 एमटी धान की ही खरीद की जा सकी है।

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50 फीसद में ही सिमट जाता है धान खरीद का आंकड़ा

बांका जिले में सुखाड़ की स्थिति को देखते हुए धान खरीद का लक्ष्य 86 हजार एमटी से घटाकर 43 हजार एमटी कर दिया गया था। लेकिन सरकार के निर्देश पर धान खरीद का लक्ष्य फिर से 86 हजार एमटी कर दिया गया है। जबकि यहां लक्ष्य के मुकाबले धान की खरीद का आंकड़ा 50 फीसद पहुंचते ही अपना दम तोड़ देता है। वर्ष 2017-18 में यहां महज 18 हजार एमटी ही धान खरीद हो सकी थी। जबकि वर्ष 2016-17 में 45 हजार एमटी एवं वर्ष 2015-16 में 54 हजार एमटी धान अधिप्राप्ति की गई थी।

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क्रय केंद्र नहीं खुलने से किसानों के अटके कई काम

जिले में चयनित 85 समितियों में 50 फीसद से अधिक धान क्रय केंद्र नहीं खुलने से किसानों को काफी नुकसान हो रहा है। रजौन के किसान लालमोहन ¨सह चंद्रवंशी ने बताया कि सुखाड़ की वजह से इस बार धान की पैदावार बहुत कम हुई है। लेकिन क्रय केंद्र नहीं खुलने से वे अपने धान नहीं बेच पा रहे हैं। जिससे उसे सरकार द्वारा तय किए गए 1740 रूपए ¨क्वटल से भी कम दर पर खुले बाजार में अपने धान बेचने पड़ रहे हैं। वशिष्ठ नारायण ¨सह ने बताया कि धान बेचकर उन्हें अपने कई जरूरी काम करने थे। लेकिन क्रय केंद्र नहीं खुलने से अभी उनके सारे काम अटक गए हैं। विभूति भूषण पाठक ने बताया कि इस बार किसानों को दोहरी मार झेलना पड़ रहा है। सुखाड़ की वजह से धान की उपज कम हुई। वहीं, क्रय केंद्र नहीं खुलने से वे अपने धान नहीं बेच पा रहे हैं। जिससे उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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धान अधिप्राप्ति के लक्ष्य को पूरा करने के लिए 85 समितियों के अलावा अन्य समितियों का भी चयन किया जा रहा है। चयनित समितियों को क्रय केंद्र खोलकर किसानों से धान खरीद करने का निर्देश भी जारी कर दिया गया है।

अनिल कुमार गुप्ता, जिला सहकारिता पदाधिकारी

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