आंगनबाड़ी सेविका ने प्रखंड सीडीपीओ कार्यालय के सामने दिया धरना

बांका। 15 सूत्री मांगों को लेकर शुक्रवार को प्रखंड सीडीपीओ कार्यालय के समक्ष सभी सेविका व

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Dec 2018 09:03 PM (IST) Updated:Fri, 14 Dec 2018 09:03 PM (IST)
आंगनबाड़ी सेविका ने प्रखंड सीडीपीओ कार्यालय के सामने दिया धरना
आंगनबाड़ी सेविका ने प्रखंड सीडीपीओ कार्यालय के सामने दिया धरना

बांका। 15 सूत्री मांगों को लेकर शुक्रवार को प्रखंड सीडीपीओ कार्यालय के समक्ष सभी सेविका व सहायिका ने धरना दिया। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष कल्याणी ¨सह ने की। कहा कि सरकार उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। इस वजह से राज्यव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जा रहा है। सरकार की वजह से नौनिहालों की पढ़ाई व पोषाहार नहीं मिल रहा है। अगर सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो यह धरना कार्यक्रम और भी उग्र होगा। आगामी 20 दिसंबर को एसडीओ कार्यालय के समक्ष धरना दिया जायेगा। और 8-9 जनवरी को सड़क जाम किया जाएगा। नीलम ¨सह ने भी मांगों को पूरा करने पर बल दिया।

इस अवसर पर मंजू शर्मा, यास्मीन, मजहबी, पूनम कुमारी, सुमन लता, रानी, मंजू देवी, किरण ¨सह, हीरा व प्रवक्ता दिवाकर ¨सह एवं संरक्षक कपिलदेव मुख्य रूप से उपस्थित थे।

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आंगनगाड़ी संघ की मुख्य मांगें

- आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका को सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिले

- सरकारी कर्मी की तरह सेविका को 18 हजार व सहायिका को 12 हजार रूपये मानदेय मिले

- 16 मई 2017 को हुए समझौते के आलोक में लंबित मांगों का शीघ्र निष्पादन हो

- दूसरे राज्य की तरह बिहार सरकार भी सात हजार सेविका एवं चार हजार प्रोत्साहन राशि दे

- सेविका को पर्यवेक्षिका एवं सहायिका को सेविका के पद पर पदोन्नति दी जाये

- सेवानिवृति के बाद पांच हजार पेंशन या एक मुस्त पांच लाख की सहायता राशि एवं बीमा का लाभ दिया जाये

- आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका चयन मार्ग दर्शिका एवं दंडनिरूपण की प्रक्रिया कानून सम्मत हो

- चार घंटा से अधिक काम के लिए मजबूर नहीं किया जाये, अन्यथा काम आठ घंटा निर्धारित किया जाये

- समान काम के लिए समान वेतन दिया जाये

- हड़ताल अवधि का मानेदय काटकर छुट्टी एवं कार्य में समायोजन किया जाये

- निर्धारित क‌र्त्तव्य के अतिरिक्त अन्य कार्य में प्रतिनियुक्त नहीं किया जाये

- महंगाई के आलोक में मकान किराया व भत्ता राशि में समुचित वृद्धि की जाये

- मानदेय का न्यूनतम वेतन निर्धारण के आधार पर नियमित भुगतान व लंबित मानदेय का भुगतान शीघ्र किया जाए

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